इंदौर के कांग्रेस प्रत्याशी ने नामांकन वापस लिया,भाजपा में किया स्वागत
इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम ने नाम वापस ले लिया है। अब वे चुनाव मैदान में नहीं हैं। विधानसभा चुनाव में उन्होंने चार नंबर सीट से टिकट मांगा था, लेकिन तब कांग्रेस उन्हें टिकट नहीं दिया गया था। इस बार लोकसभा चुनाव में उन्हें प्रत्याशी बनाया गया था।
लोकसभा चुनाव के दो चरण खत्म होने के बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के गृह नगर इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय बम ने नाम वापस ले लिया है। यानी, वे चुनावी मैदान से बाहर चले गए हैं, इससे यहां भाजपा की जीत का रास्ता साफ माना जा रहा है।
कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम सोमवार को भाजपा विधायक रमेश मेंदोला के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और अपना नाम वापस ले लिया। ऐसे में अब इंदौर में भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी के सामने कोई बड़ी चुनौती नहीं है। इससे पहले हुए विधानसभा चुनाव में अक्षय ने चार नंबर सीट से टिकट मांगा था। लेकिन, कांग्रेस ने तब उन्हें टिकट नहीं दिया था। लोकसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया था।
कैलाश विजयवर्गीय पोस्ट किया फोटो
कांग्रेस प्रत्याक्षी अक्षय बम सोमवार सुबह कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। उनके साथ भाजपा विधायक रमेश मेंदोला और एमआईसी मेंबर जीतू यादव थे। अक्षय ने नाम वापस लिया और फिर मेंदोला के साथ कार्यालय के बाहर निकल गए। कुछ देर बाद मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने फेसबुक पर अक्षय के साथ फोटो पोस्ट करते हुए लिखा कि अक्षय का भाजपा में स्वागत है। वे अक्षय को लेकर सीधे भाजपा कार्यालय पहुंचे। उधर, बम के अचानक नामांकन वापस लेने से कांग्रेस नेता नाराज हैं, वे उनके घर के बाहर प्रदर्शन करने पहुंच रहे हैं।
विजयवर्गीय बोले- भाजपा में आपका स्वागत है
कांग्रेस प्रत्याशी बम के नामांकन वापस लेने पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने एक्स कर लिखा कि इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के नेतृत्व में भाजपा में स्वागत है।
हत्या के प्रयास का केस था चर्चा में
कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम के 17 साल पुराने एक केस में पुलिस ने नामांकन वाले दिन हत्या के प्रयास की धारा जोड़ी थी। भाजपा ने इस आधार पर बम का नामांकन खारिज करने की मांग की थी कि अक्षय ने शपथ पत्र में इसका उल्लेख नहीं किया है। लेकिन, जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष सिंह ने भाजपा की आपत्ति को खारिज कर दिया था। इस मामले में बम को 10 मई को कोर्ट में हाजिर होना है।
अक्षय बम के घर पुलिस तैनात
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए अक्षय बम के निवास पर पुलिस तैनात हो गई है। पुलिस को आशंका है कि कांग्रेस कार्यकर्ता बम के निवास पर प्रदर्शन कर सकते हैं। इस दौरान तोड़फोड़ न हो, इसलिए पुलिस तैनात की गई है।
तीन नाम वापस, अभी और होंगे
कलेक्टर आशीष सिंह के अनुसार कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम समेत कुल तीन उम्मीदवारों ने नामांकन फार्म वापस लिए हैं। आज दोपहर तीन बजे तक नाम वापसी की प्रक्रिया जारी रहेगी। फिलहाल, इंदौर में 23 उम्मीदवार बचे हैं। लेकिन, सूत्रों का कहना है कि तीन बजे तक कई और उम्मीदवार अपने नाम वापस लेंगे।
उम्मीदवारों को भी कांग्रेस पर भरोसा नहीं
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विकास और देश के आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं का भरोसा पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा पर है। कांग्रेस की हालत यह है कि उम्मीदवार भी पार्टी के साथ नहीं रहना चाहते हैं। इंदौर के उम्मीदवार आज भाजपा में शामिल हो गए। कांग्रेस देश के विनाश की ओर ले जा रही है, इसलिए अब उसके उम्मीदवार भी भाजपा में शामिल हो रहे हैं।
इंदौर कांग्रेस मुक्त
भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का गृह नगर इंदौर कांग्रेस मुक्त। कांग्रेस मैदान से गायब। कांग्रेस उम्मीदवार वापस। देश और प्रदेश को लेकर बड़े-बड़े दावे करने वाले पटवारी इंदौर में कांग्रेस की स्थिति देख लें। इसके बाद अब जीतू पटवारी को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिये।
कांग्रेस: ऐसी घटनाएं और देखनी हैं
अक्षय कांति बम के नाम वापसी पर कांग्रेस मीडिया प्रभारी मुकेश नायक ने कहा कि हमारा संघर्ष षड्यंत्रकारी और एकाधिकार वाली पार्टी से है।
हमें अभी और भी ऐसी घटनाएं देखनी है। भाजपा से हमारा संघर्ष है। थोड़े बहुत आस्तीन के सांप और बचे हुए हैं, यह निकल जाएं तो पूरा विष निकल जाएगा।
चुनाव से पहले ही कांग्रेस की हार
भाजपा मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि इंदौर में प्रत्याशी विहीन हुई कांग्रेस। कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अक्षय कांति बम ने नामाकंन वापस लिया। भाजपा अबकी बार 400 पार, चुनाव से पहले ही हुई कांग्रेस की हार।