नई दिल्ली। एसोचैम ने आम लोगों के लिए आयकर की दरों में कटौती करने और छूट सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का सुझाव दिया है। संगठन ने कॉर्पोरेट टैक्स की दर को घटाकर 25 फीसदी करने की मांग की है, जो कि मौजूदा समय में 30 फीसदी है।

टैक्स दर में कटौती को संगठन ने देश में निवेश और मांग-आधारित खपत को बढ़ाने के लिए आवश्यक बताया है। इस मामले में एसोचैम ने बजट से पहले की गई मुलाकात के दौरान वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव हसमुख अढिया के समक्ष दिए प्रेजेंटेशन में अपना पक्ष रखा है।
एसोचैम ने यह भी कहा कि अगर जीएसटी के लिए कई दरों का ढांचा तय किया गया तो इससे उत्पादों और सेवाओं के वर्गीकरण को लेकर विवाद बढ़ सकते हैं। इसलिए हर दर के अंतर्गत इनका वर्गीकरण काफी सावधानी के साथ किया जाना चाहिए।
एसोचैम का कहना है कि बड़े नोट बैन करने का शॉर्ट टर्म में बड़ी मात्रा में इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं की मांग पर विपरीत प्रभाव होगा। मांग को बढ़ाने के लिए अगले बजट में ऐसे उत्पादों पर लगने वाले टैक्स की दरों में कटौती की जानी चाहिए।
जीएसटी के शुरुआती 2 वर्षों तक केवल धोखाधड़ी पर लगे जुर्माना-
जीएसटी लागू होने के शुरुआती दो वर्षों में धोखाधड़ी के मामलों को छोड़कर किसी पर जीएसटी के प्रावधानों के उल्लंघन के मामलों में जुर्माना नहीं लगाया जाना चाहिए। जीएसटी कानून के मसौदे में टैक्स प्रशासन के प्रावधान काफी सख्त हैं। इससे इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा भी मिल सकता है।
अंतिम जीएसटी कानून में इसमें संशोधन की जरूरत है। इसमें एल्यूमिनियम, तांबा, स्टील और पॉलिमर जैसे कुछ उत्पादों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी की दर घटाई जानी चाहिए। फार्मा उत्पादों पर एक्साइज के इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को सुधारने की जरूरत है। कॉर्पोरेट टैक्स की दर 30 फीसदी से घटाकर 25% पर लाने का सुझाव दिया है।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features