उसने भारत में इस तरह की ठगी करने वाली चार कंपनियों की गलतियों का विस्तृत अध्ययन किया। इसके बाद सोशल ट्रेड डॉट बिज को एक मास्टर प्लान के साथ लांच कर दिया।
सूत्रों का कहना है कि अनुभव ने जिन चार कंपनियों की गलती से सबक लेकर ऑनलाइन ठगी का धंधा शुरू किया उसमें स्पीक एशिया, डिजि डील टू यू, क्यूनेट और एडूये डॉट कॉम शामिल हैं। अनुभव ने अपने सोशल ट्रेड डॉट बिज पोर्टल को डिजि डील टू यू डॉट कॉम और एडूये डॉट कॉम की तर्ज पर पेश किया।
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इसके बाद अपने निवेशकों से लिंक के जरिये ऑनलाइन विज्ञापन लाइक कराती थीं। लाइक के बदले निवेशकों को उन्हीं की रकम वापस करती थी। इन दोनों कंपनियों में भी सोशल ट्रेड की तरह निवेशकों को अपनी सदस्यता शुल्क निकालने में तीन से पांच माह का वक्त लगता था और इनके निवेशकों को भी नीचे सदस्य जोड़ने पर अतिरिक्त मुनाफा दिया जाता था।
एसटीएफ का मानना है कि अनुभव ने इन कंपनियों की गलती से सबक लेकर ही अपनी कंपनी का पंजीकरण कराया था। साथ ही, निवेशकों का टीडीएस काटता था। लोगों का भरोसा जीतने के लिए ही उसने आईएसओ प्रमाण पत्र भी ले रखा था।
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1. स्पीक एशिया : नवंबर 2013 में इस कंपनी के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था। ये कंपनी लोगों को सदस्य बनाकर ऑनलाइन सर्वे कराने के नाम पर ठग रही थी। इस कंपनी ने लगभग 24 लाख लोगों से 2276 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी। मामले में मुंबई पुलिस ने आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने 30 लोगों को गिरफ्तार किया था।
2. डिजि डील टू यू : अगस्त 2016 में मुंबई पुलिस ने इस कंपनी के फर्जीवाड़े का खुलासा किया था। ये कंपनी भी ऑनलाइन विज्ञापन लाइक कराने के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रही थी। इसमें भी लाखों लोगों से लगभग 200 करोड़ रुपये की ठगी की गई थी। सोशल ट्रेड की तरफ इस कंपनी का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद भी समर्थकों ने निवेशकों को भ्रमित करने का प्रयास किया था कि जल्द सब सही हो जाएगा।
3. क्यू नेट : दिसंबर 2016 में मुंबई पुलिस ने ही ई-कॉमर्स के जरिये फर्जीवाड़ा करने वाली इस कंपनी का भंडाफोड़ किया था। ये कंपनी तब तक पांच लाख निवेशकों से लगभग 1000 करोड़ रुपये की ठगी कर चुकी थी। फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद इस कंपनी के खातों में 144 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे। माना जा रहा है कि अनुभव अब इसी कंपनी के तर्ज पर निवेशकों को ठगने के लिए इंटमार्ट नाम से ई-कॉमर्स का व्यवसाय शुरू करने जा रहा था।
4. एडूये डॉट कॉम : अक्तूबर 2014 में बंगलूरू पुलिस ने इस कंपनी के फर्जीवाड़े का खुलासा किया था। ये कंपनी भी ऑनलाइन विज्ञापन लाइक कराने के नाम पर लोगों को ठग रही थी। इस कंपनी ने दो लाख निवेशकों से लगभग 600 करोड़ रुपये की ठगी की थी।
(नोट : डिजि डील टू यू और क्यू नेट, कंपनियों का खुलासा भले ही 2016 में हुआ हो, लेकिन ये कंपनियां लंबे समय से फर्जीवाड़ा कर रहीं थीं। जांच एजेंसियों को काफी समय से इनकी शिकायतें भी मिल रहीं थीं।)