बारिश का मौसम अपने साथ कई बीमारियां लेकर आता है। ऐसे में इस मौसम में हमे अपने ध्यान खुद रखना चाहिए। वहीं जब किसी व्यक्ति की इम्यूनिटी कम होती है तो उसे बीमारी होने का डर होता है। ऐसे में हमें यह समझना होगा कि आयुर्वेद के जरिए मरीजों का कैसे इलाज किया जाता है। जी दरअसल यह लक्षणों को दबाता नहीं है और यह शरीर में होने वाले असंतुलन के मूल कारण का इलाज करता है। आपको बता दें कि स्वस्थ शरीर के लिए सभी एनर्जी का एक दूसरे के साथ सही तालमेल होना चाहिए।

ऐसे में आपको यह भी जानकारी दे दें कि आयुर्वेद के मुताबिक मजबूत प्रतिरोधक क्षमता के लिए अच्छे डाइजेशन, मजबूत मेटाबोलिज्म, लिवर के सही तरह से काम करने और एक संतुलित अंतःस्रावी तंत्र (एंडोक्राइन सिस्टम) की जरूरत होती है। जी दरअसल इम्यूनिटी भी ओजस (शरीर की ताकत) या जीवन शक्ति से बहुत हद तक जुड़ी हुई है और ओजस वह ऊर्जा है जो हमारी प्रतिरक्षा, शक्ति और खुशी को नियंत्रित करती है। अगर हमारा ओजस कमजोर है तो हमारा स्वास्थ्य और ऊर्जा भी कम होगी जिससे हमें बीमारी होने का खतरा होगा। हालाँकि आप कुछ चीजों का ध्यान रख सकते हैं। जैसे दिन में सोने से बचें क्योंकि यह खाना डाइजेस्ट होने में रुकावट डालता है और मेटाबॉलिज्म रेट को धीमा कर देता है। इसके अलावा जिन लोगों के खाने का पैटर्न सही नहीं है और जो अक्सर लोगों से मिलना जुलना पसंद करते हैं, उन्हें हफ्ते में एक दिन उपवास करना चाहिए। यह डाइजेशन बेहतर करने में मदद करता है।
इन टिप्स को करें फॉलो-
1. गर्म पानी ही पिएं।
2. हल्दी, जीरा, धनिया जैसे मसालों और लहसुन का खाना पकाने में इस्तेमाल करें।
3. तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सौंठ (सूखा अदरक पाउडर) और मुनक्का से बनी हर्बल चाय/कड़ा पिएं। इसमें गुड़ मिलाएं। यदि आप डायबिटिक हैं तो इसमें गुड़ या चीनी की जगह ताजा नींबू का रस डालें।
4. सोने से ठीक पहले आधा गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पिएं।
5. गर्म खाना खाएं और कच्चा खाना जैसे सलाद से परहेज करें।
6. मेटाबॉलिज्म को धीमा होने से रोकने के लिए ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ पीने की सलाह दी जाती है।
7. बासी खाना खाने से बचें।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features