कानपुर ही नहीं पूरे प्रदेश में बृहस्पतिवार की रात इस सीजन की सबसे ठंडी रही। न्यूनतम तापमान घटकर 4.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। यह सामान्य से तीन डिग्री कम है। मौसम विभाग के अनुसार पारा और नीचे जा सकता है। यह लोगों के साथ-साथ दहलनी फसलों के लिए भी नुकसानदायक है। अधिकतम तापमान भी सामान्य से तीन डिग्री नीचे आ गया है।
पहाड़ों की बर्फीली गलन लेकर पश्चिमी हवा लगातार मैदानी क्षेत्रों में कोहराम मचा रही है। हाड़ कंपाती ठंड की वजह से जनजीवन अस्तव्यस्त है। रात के समय आसमान खुला रहने की वजह से शीतलहर का प्रकोप तेज हो गया है। मौसम विशेषज्ञ डॉ.अनिरुद्घ दुबे के अनुसार इस महीने ठंड अपने चरम पर रहेगी। पिछले वर्षों में भी जनवरी महीने में ठंड का जबरदस्त असर रहा है। 2013 में पारा जीरो डिग्री से भी नीचे गया था। पिछले वर्ष भी 13 जनवरी को पारा 1.4 डिग्री तक पहुंच गया था।
कड़ाके की ठंड से दलहनी फसलों को बचाने के लिए किसान पोटाश खाद को पानी में घोलकर फसलों पर छिड़काव करें। जिससे इन पत्तियों पर शीत लहर का असर नहीं होगा। मौसम विज्ञानी अनिरुद्घ दुबे के अनुसार दो प्रतिशत पोटाश की मात्रा के हिसाब से यह छिड़काव करना है।
बृहस्पतिवार को तापमान 
अधिकतम…15, न्यूतनम..4.2 डिग्री सेल्सियस , आर्र्दता अधिकतम…100, न्यूनतम..74 प्रतिशत रही। 
 
पिछले कुछ वर्षो में जनवरी में न्यूनतम तापमान
2017…1.4
2016…3.8
2015….4.2
2014….0.7
2013….-1.1
2012….3.6
2011….2.8
2010….4.4
2009….4.0
2008….3.5
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