उत्तराखंड: पर्वतीय जिलों में सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट का उत्साह

पर्वतीय जिलों में सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट को लेकर उत्साह है। यूपीसीएल ने शासन से इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के लिए बजट मांगा है। उत्तरकाशी, टिहरी और अल्मोड़ा में सबसे ज्यादा सौर प्रोजेक्ट लगे हैं।

प्रदेश के पर्वतीय जिलों में सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट लगाने को जबर्दस्त उत्साह नजर आ रहा है। उत्तरकाशी, टिहरी और अल्मोड़ा में सबसे ज्यादा प्रोजेक्ट लग रहे हैं। उत्तरकाशी व कई जगहों पर तो यूपीसीएल की क्षमता के हिसाब से ग्रिड फुल हो गई है। अब निगम ने सरकार से इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के लिए बजट की मांग की है।

सरकार ने सौर ऊर्जा की नई नीति जारी की थी। इसके तहत 200 किलोवाट तक के सोलर प्रोजेक्ट लगाए जा सकते हैं। पर्वतीय जिलों में सरकार 50 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है। महिला के नाम से प्रोजेक्ट होने पर पांच प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी मिलती है। इस योजना के तहत 20, 25, 50, 100 और 200 किलोवाट के सोलर प्लांट लगा सकते हैं।

पात्र व्यक्ति अपनी निजी भूमि या लीज पर जमीन लेकर सोलर प्लांट लगा सकते हैं। योजना के तहत केवल राज्य के स्थायी निवासी ही आवेदन कर सकते हैं। उनकी आयु 18 साल से अधिक होनी चाहिए। योजना के तहत 50 किलोवाट के सोलर प्लांट के लिए 750-1000 वर्ग मीटर, 100 किलोवाट के लिए 1500-2000, 200 किलोवाट के लिए 3000-4000 वर्गमीटर जमीन जरूरी होगी।

पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में जाएगा

योजना पर 50 हजार प्रति किलोवाट का खर्च अनुमानित होगा। 50 किलोवाट से 76000 यूनिट, 100 किलोवाट से 152000 और 200 किलोवाट से 304000 यूनिट बिजली सालाना पैदा होगी। योजना के तहत यूपीसीएल 25 साल के लिए बिजली खरीदेगा। जो भी बिजली यूपीसीएल के पास आएगी, उसका पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में जाएगा। इसका असर नजर आ रहा है। आलम ये है कि उत्तरकाशी में तो अब नए प्रोजेक्ट की गुंजाइश ही नहीं बची है।

यहां यूपीसीएल की ग्रिड क्षमता के हिसाब से प्रोजेक्ट आवंटन पूरा हो गया है। टिहरी व अल्मोड़ा में भी काफी उत्साह नजर आ रहा है। यूपीसीएल के निदेशक परिचालन एमआर आर्य का कहना है कि पर्वतीय जिलों में भारी उत्साह के बीच अब हमें इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करने की जरूरत है। लिहाजा, शासन को पत्र भेजकर इसके लिए बजट की मांग की गई है।

ऐसे समझें प्रोजेक्ट से कमाई का गणित

अगर आप 50 किलोवाट का प्रोजेक्ट लगाते हैं तो इस पर कुल खर्च 25 लाख का होगा। इससे सालाना 76 हजार यूनिट बिजली पैदा होगी। कुल 17 लाख 50 हजार रुपये का लोन मिलेगा। एमएसएमई योजना के तहत 7 लाख 50 हजार की सब्सिडी मिलेगी। बिजली वर्तमान 4.49 रुपये प्रति यूनिट की दर से बेचने पर सालाना 3 लाख 41 हजार 240 की कमाई होगी। सालाना 35 हजार का खर्च मेंटिनेंस का होगा। माहवार किश्त 9,557 रुपये और कमाई 15,963 रुपये होगी। लोन खत्म होने के बाद माहवार कमाई 25,520 रुपये हो जाएगी।

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