उत्तराखंड: भू-कानून के अभाव में बाहरी फाइनेंसर्स और प्रॉपर्टी डीलर्स ने खड़ा किया सिंडिकेट

बाहरी लोगों की अज्ञानता का फायदा उठाकर उन्हें ऊंचे दामों पर कृषि भूमि रिहायशी बताकर बेच रहे हैं। इस खेल में खरीदार और काश्तकार दोनों ठगे जा रहे हैं।

राज्य में कठोर भू-कानून के अभाव में कृषि भूमि की खरीद-फरोख्त के चलते बाहरी राज्यों से आए फाइनेंसर और प्रॉपर्टी डीलर्स का सिंडिकेट बन चुका है। जिनकी वजह से आए दिन जमीनों के नाम पर लाखों-करोड़ों की धोखाधड़ी के मामले सामने आ रहे हैं।

ये फाइनेंसर गांवों में काश्तकारों से उनकी कृषि भूमि की औनी-पौनी कीमत लगाकर उसकी महज 10 प्रतिशत कीमत बयाना देते हैं फिर 100 रुपये के स्टांप पेपर पर मनमाना एग्रीमेंट करवा लेते हैं, जिसकी शर्तों में साफ लिखा होता है कि सौदा करने वाला तीन या चार महीने में बाकी की रकम काश्तकार को उपलब्ध करवाएगा।

यह शर्त भी रखते हैं कि उनकी भूमि की रजिस्ट्री अलग-अलग टुकड़ों में किसी के नाम पर भी करवाने के लिए स्वतंत्र रहेंगे। इस तरह बाहरी लोगों की अज्ञानता का फायदा उठाकर उन्हें ऊंचे दामों पर कृषि भूमि रिहायशी बताकर बेच रहे हैं। इस खेल में खरीदार और काश्तकार दोनों ठगे जा रहे हैं।

दंपती कागजों पर एक-दूसरे से अलग दिखाते, जमीन अगल-बगल लेते
तमाम रजिस्ट्री की जांच की जाए तो पता चलेगा कि एक ही परिवार में पति-पत्नी और बच्चों ने कागजों पर खुद को अलग या संबंध विच्छेद बताकर जमीनें अपने नाम पर खरीदी है। लेकिन उनके प्लॉट अगल-बगल या एक ही खसरे में मिलेंगे। इस तरह से बड़ी धांधलियां हैं, जिनकी आसानी से जांच हो सकती है। -एडवोकेट, अराधना रतूड़ी चुतर्वेदी

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com