हिमाचल के धर्मशाला को भारत का स्विट्जरलैंड कहा जाता है. यहां की खूबसूरत वादियां जन्नत से कम नहीं हैं. गर्मी की छुट्टियां सुकून से बिताने के लिए धर्मशाला से बेहतर जगह कोई नहीं है. धर्मशाला के पहाड़ों की सुंदरता पूरी दुनिया में मशहूर हैं. इस जगह जो आता है वह यहीं का होकर रह जाता है.
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इस बात में कोई शक नहीं होगा कि हिमाचल प्रदेश का धर्मशाला वाकई भारत का स्विट्ज़रलैंड ही है. अपने जीवन में एक बार यहाँ जरुर आना चाहिए. भारत का यह सबसे प्रमुख पर्यटन स्थान जल्द ही बनने वाला है.
इस जगह बहुत ही शांति है. जिसकी वजह यहां रहने वाले बौद्ध लोग हैं. यहां पर सफाई से लेकर सुविधाओं का ध्यान अच्छे से रखते हैं. स्विजरलैंड जैसा अगर धर्मशाला है तो उसके पीछे कहीं ना कहीं एक कारण यह भी हैं.
वैसे तो शहर प्राकृतिक और दर्शनीय स्थलों से भरा हुआ है. लेकिन कुछ स्थान ऐसे है जिनका पर्यटन के लिहाज से काफी महत्व है.
दलाई लामा मंदिर- यह बौद्ध धर्म गुरू दलाई लामा का खूबसूरत मंदिर है. बौद्ध धर्म के अनेक भिक्षुकों का यहां जमावडा़ लगा रहता है. दलाई लामा के मंदिर में बड़े-बड़े प्रार्थना चक्र लगे हुए हैं. इन्हें घुमाने पर उन पर लिखे मंत्रों का पुण्य मिलता है. दलाई लामा मंदिर से ही नामग्याल मठ जुड़ा हुआ है।
भगसूनांग मंदिर- यह एक छोटा-सा पौराणिक मंदिर है. इस मंदिर में पहाड़ों से बहकर पानी आता है. सेन्ट जॉन चर्च- इस चर्च का निर्माण 1863 में हुआ था. यह घने पेड़ों से घिरा हुआ खूबसूरत और प्राचीन चर्च है. कुछ ही दूरी पर सेन्ट जॉन चर्च से नड्डी की ओर बढ़ने पर रास्ते में डल झील है. देवदार के वृक्षों से घिरा यह एक खूबसूरत पिकनिक स्थल है.
कररी- यह एक खूबसूरत पिकनिक स्थल और रेस्ट हाउस है. कररी झील 3 किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है. झील अल्पाइन घास के मैदानों और पाइन के जंगलों से घिरी हुई है. मछरियल और ततवानी- मछरियल में एक खूबसूरत जल प्रपात है जबकि ततवानी गर्म पानी का सोता है.
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