नवजात बच्चों की मौत के चलते सुर्खियों में आया उत्तर प्रदेश का बाबा राघव दास (बीआरडी) अस्पताल एक बार फिर सवालों के घेरे में है। प्राप्त जानकारी के अनुसार महज 48 घंटों में करीब 30 बच्चों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि ये मौत का सिलसिला कई महीनों के लगातार जारी है क्योंकि 1300 बच्चों की मौत सिर्फ बीआरडी के बालरोग विभाग में हुई है।
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मेडिकल कॉलेज के इंसेफेलाइटिस वार्ड के पूर्व प्रभारी प्रो. डीके श्रीवास्तव ने बच्चों की मौत की पुष्टि की है।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में श्रीवास्तव ने कहा कि 15 नवजात 1 महीने से कम उम्र के थे, वहीं बच्चे हुए 15 में से 6 एक महीने से ज्यादा उम्र के थे, जिनकी मौत इन्सेफेलाइटिस से हुई है। बाकी अन्य की मौत कई कारणों की वजह से हुई है।
बता दें कि बालरोग विभाग में बीते चार दिनों के बीच 55 बच्चों की मौत हो गई। इसमें 29 मौतें नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (एनआईसीयू) में हुईं। इंसेफेलाइटिस समेत अन्य बीमारियों से शेष मौतें हुईं। श्रीवास्तव ने रविवार को बताया कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज का बालरोग विभाग प्रदेश भर में ही नहीं बल्कि देश में बच्चों के बेहतर इलाज के लिए जाना जाता है।
एनआईसीयू में एक से तीन नवंबर के दौरान कुल 65 बच्चे भर्ती हुए। इनमें 22 की मौत हो गई। पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) में 178 बच्चे इस अवधि में भर्ती हुए, जिसमें 21 मौतें हुईं। अन्य संस्थानों में भी एनआईसीयू में मौतों का आंकड़ा 30 से 50 फीसदी तक होता है। तीन नवंबर को पीआईसीयू में कुल 185 और एनआईसीयू में 72 बच्चे भर्ती थे। वहीं चार नवंबर को बालरोग विभाग में 12 मौतें हुईं। इसमें सात मरीजों ने एनआईसीयू में और पांच ने पीआईसीयू में दम तोड़ा।
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