कानपुर : अनुसूचित जाति-जनजाति एक्ट के तहत तत्काल गिरफ्तारी पर रोक के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार आज पुनर्विचार याचिका दाखिल करने वाली है। शीर्ष अदालत के इस फैसले को तमाम दलित संगठनों और कानूनी जानकारों ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से वंचित समुदाय के लोगों की आवाज कमजोर होगी। तमाम दलित संगठनों ने इस फैसले के विरोध में आज देशव्यापी बंद बुलाया है।
कानपुर के राजकीय पॉलीटेक्निक के छात्रों ने सरकार के इस फैसले को उचित बताते हुए प्रदर्शन किया। राजकीय पॉलीटेक्निक के सैकड़ों छात्र ने दलित उत्पीड़न पुनर्विचार याचिका के समर्थन में प्रदर्शन किया। इसकी शुरुआत छात्रों ने प्रिंसिपल आवास के बाहर प्रदर्शन कर की। उनके आवास के बाहर छात्रों ने नारेबाजी करते हुए इस संबंध में जल्द निर्णय देने की मांग की।
इसके बाद आक्रोशित छात्रों ने जीटी रोड को जाम करने का प्रयास किया। वहां सैकड़ों की संख्या में छात्रों ने सड़क पर बैठकर जाम लगाने की कोशिश की। वहां से छात्र विकास भवन पहुंचे। जहां उन्होंने इस संबंध में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। राष्ट्रीय हरित युवा संघ अध्यक्ष शिवम पांडेय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला दलितों के अधिकारों के खिलाफ है। सरकार ने इस पर पुनर्विचार याचिका दाखिल कर स्वागत योग्य कदम बढ़ाया है। वर्तमान एससी-एससी एक्ट में संशोधन की जरूरत है। उन्होंने मांग की सरकार जल्द से जल्द इस संबंध में निर्णय करे। शोषितों और दलितों के अधिकार उनसे छिनने नहीं चाहिए। साथ ही कहा कि यदि इस पर सही निर्णय नहीं लिया गया तो छात्र दोबारा प्रदर्शन करेंगे।
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