लंदन। लाख पढ़ाई करने के बाद भी परीक्षा में सवाल करने में गलती हो जाती है। यदि आप यह भी इस मुश्किल का सामना करते हैं, तो अब वक्त है कि आप अपने पढ़ने के तरीके को थोड़ा सा बदल लें।

अधिक तनाव की वजह कई बार याद किए हुए सवाल गलत हो जाते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया है कि प्रैक्टिस टेस्ट लगाने से पढ़ी हुई चीजें तनाव के बाद भी लंबे समय तक याद रहती हैं।
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इस रणनीति रीट्राइवल प्रैक्टिस कहते हैं, जो तनाव में मस्तिष्क में याददाश्त के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में कारगर होती है। अमेरिका के मैसाचुसेट्स में टफ्ट्स विश्वविद्यालय की करेस्पॉन्डिग ऑथर एमी स्मिथ ने बताया कि नतीजे बताते है कि इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आपने कितनी बार या कितनी देर तक पढ़ाई की है।
फर्क इस बात से पड़ता है कि आपने जो पढ़ा है, उसकी रीट्राइवल प्रैक्टिस कितनी की है। इस शोध में 120 प्रतिभागियों पर अध्ययन किया गया था। जिन लोगों ने रीट्राइवल प्रैक्टिस के जरिये तैयारी की थी, वे बेहद तनाव में भी कई शब्दों और चित्रों को याद रख पाने में सफल रहे।
साइंस जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि जो प्रतिभागी पठन सामग्री का बार-बार अध्ययन करते रहे, वे तनाव के दौरान खासतौर पर कम याद रख पाए। टफ्ट्स विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर और अध्ययन की वरिष्ठ लेखिका अयाना थॉमस ने कहा, आमतौर पर तनाव के कारण लोगों की स्मृति से जानकारी पुन: हासिल करने की क्षमता कम प्रभावी है।
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