कनाडा में नार्को-आतंकवादी नेटवर्क और खालिस्तानी समर्थक व्यक्तियों का भंडाफोड़ किया गया है। कनाडा की पील पुलिस ने प्रोजेक्ट पेलिकन के तहत कार्रवाई करते हुए अब तक की सबसे बड़ी ड्रग जब्ती की है।
पुलिस ने 479 किलोग्राम कोकीन बरामद की है, जिसकी कीमत 47.9 मिलियन डॉलर है। पील पुलिस ने कनाडा में बसे सात भारतीय मूल के लोगों सहित 9 लोगों को गिरफ्तार किया है।
आरोपी कैसे करते थे अपना धंधा?
पील पुलिस ने बताया कि जांच में पता चला है कि नेटवर्क ने अमेरिका से कनाडा तक के वाणिज्यिक ट्रकिंग मार्गों को फायदा उठाया और उसके संबंध मैक्सिकन कार्टेलों और अमेरिका स्थित डिस्ट्रीब्यूटरों से थे।
पील पुलिस ने बताया कि कुल 479 किलोग्राम ब्रिक्ड कोकेन जिसकी कीमत लगभग 47.9 मिलियन डॉलर है, जब्त की गई। साथ ही दो अवैध लोडेड सेमी-ऑटोमैटिक हैंडगन भी जब्त की गई। ब्रैम्पटन में ओंटारियो कोर्ट ऑफ जस्टिस में जमानत की सुनवाई के लिए आरोपियों को पेश किया गया था।
प्रोजेक्ट पेलिकन की प्रशंसा
ओंटारियो के सॉलिसिटर जनरल माइकल एस केर्ज़नर ने ऑपरेशन की प्रशंसा करते हुए कहा, “प्रोजेक्ट पेलिकन इस बात का सबूत है कि जब पुलिस के पास हमारे लोगों को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक उपकरण और संसाधन हों, तो वह क्या हासिल कर सकती है।”
सूत्रों के अनुसार, मादक पदार्थ की तस्करों से होने वाली कमाई का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए किया जा रहा था, जिसमें विरोध प्रदर्शन और लोगों को इकट्ठा करने के अलावा हथियाओं के लिए पैसे मुहैया कराना शामिल था।
खुफिया सूत्रों ने ISI समर्थित एक योजना की ओर इशारा किया है, जिसके तहत कनाडा में खालिस्तानी समूहों को उच्च मूल्य वाली मैक्सिकन कोकीन की तस्करी के लिए धन मुहैया कराया जा रहा है।
कौन-कौन हुआ गिरफ्तार?
टोरंटो निवासी 31 वर्षीय साजिथ योगेंद्रराजा
बैम्पटन निवासी 44 वर्षीय मनप्रीत सिंह
हैमिल्टन निवासी 39 वर्षीय फिलिप टेप
ब्रैम्पटन निवासी 29 वर्षीय अरविंदर पोवार
कैलेडन निवासी 36 वर्षीय गुरतेज सिंह
कैम्ब्रिज निवासी 27 वर्षीय सरताज सिंह
जॉर्जटाउन निवासी 31 वर्षीय शिव ओंकार
मिसिसॉगा निवासी 27 वर्षीय हाओ टॉमी हुइन्ह
पिछले साल भी हुई थी गिरफ्तारी
पिछले दिसंबर में, भारतीय मूल के दो कनाडाई नागरिकों को तब गिरफ्तार किया गया था जब अमेरिका की इलिनोइस पुलिस ने उनके वोल्वो ट्रक से 1 हजार पाउंड से अधिक की कोकीन बरामद की थी।
इससे जांचकर्ताओं को ISI से जुड़े तस्करी के बारे में पता चला, जो अफगानिस्तान में अवैध अफीम की खेती को संरक्षण दे रहा था, ताकि तालिबान को अमेरिकी और अफगान सैनिकों से लड़ने में मदद मिल सके।
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