सौरिख थाना क्षेत्र में एक सिपाही के अमानवीय कृत्य ने पुलिस महकमे को शर्मसार कर दिया। पीड़ित दिव्यांग ने रो-रोकर सिपाही की बर्बरता की दास्तां बताई तो सुनने वालों के दिल पसीज गए लेकिन पति को बचाने के लिए पैर पकड़कर गर्भवती पत्नी गिड़गिड़ाने के बावजूद वह पत्थर दिल ही बना रहा। 
थाना सौरिख के नादेमऊ चौराहे पर शुक्रवार को नगला वीरभान निवासी 26 वर्षीय दिव्यांग सुदीप ई-रिक्शा लेकर बीमार पुत्र अरुण को दवा दिलाने जा रहा था। रिक्शे पर गर्भवती पत्नी राधा एवं मौसेरी बहन पूजा व पुत्र अरुण कुमार भी थे। दिव्यांग सुदीप ने रोते हुए बताया कि नादेमऊ चौराहे पर रिक्शा रोका तो सामने से ट्रक आ गया। उसने दूसरी ओर से रिक्शा निकालने का प्रयास किया तो वहां खड़े सिपाही केपी सिंह ने रिक्शा हटाने के लिए कहा।
उसने जगह मिलते ही रिक्शा आगे बढ़ाने की बात कही तो सिपाही नाराज होकर अभद्रता करने का लगा
सुदीप ने बताया कि मना करने पर सिपाही ने धक्का-मुक्की शुरू करते हुए मारापीटा, जिससे उसके मुंह से खून निकलने लगा। इसके बाद भी सिपाही ने पीटना बंद नहीं किया और गर्भवती पत्नी सिपाही से मिन्नत करने लगी तो लोगों की भीड़ लग गई। इसपर सिपाही सड़क पर घसीटते हुए उसे थाने ले गया, उसके पीछे बच्चे को गोद में लिए गर्भवती पत्नी व दिव्यांग मौसेरी बहन भी आ गई।
दिव्यांग ने रोते हुए थाने में सभी को पूरी घटना बताई तो लोगों की भीड़ लगी गई। सिपाही केपी सिंह ने बताया कि चौराहे पर दिव्यांग रिक्शे से सवारी उतार रहा था, इससे जाम लग रहा था। मना किया तो अभद्रता करने लगा और वर्दी भी पकड़ ली। प्रभारी निरीक्षक विजय बहादुर वर्मा ने बताया कि सिपाही व दिव्यांग दोनों को मेडिकल परीक्षण के लिए अस्पताल भेजा जा रहा है। जांच में सिपाही दोषी पाया गया, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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