कर्नाटक में 222 विधान सभा सीटों के लिए मतगणना जारी है, रुझानों के अनुसार कांग्रेस का दक्षिण किला ढहता हुआ नज़र आ रहा है, जबकि पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा बहुमत कि ओर बढ़ती दिखाई दे रही है. लेकिन इस बीच  रुपये में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. आज रुपया डॉलर के मुकाबले 67.68 के स्तर पर खुला है. हालांकि कुछ देर में ही इसमें गिरावट बढ़ गई और यह गिरावट डेढ़ साल के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है.
आज रुपया डेढ़ साल में अपने सबसे निचले स्तर 67.75 रुपये पर पहुंच गया. गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी जारी है. इसके साथ ही पिछले कुछ वक्त से रुपये की हालत भी खस्ता हुई है. इसमें लगातार गिरावट जारी है. इस गिरावट की वजह से इसने 67 का आंकड़ा पार कर लिया है. बताया जा रहा है कि रूपए में गिरावट बढ़ने से देश में कई चीज़ों के दाम बढ़ सकते हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हम अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल या किसी अन्य वस्तु के दाम के घटने या बढ़ने से रूपए की गिरावट को जोड़कर देखते हैं तो यह गलत होगा. रूपए में गिरावट आने का मुख्य कारण है, विदेशी चीज़ों का अंधाधुन्द इस्तेमाल, हम एक छोटी सी वस्तु से लेकर वाहन इत्यादि तक सारी चीज़ें विदेशी खरीदते हैं, जिसका पैसा विदेश में जाता है और रूपए की जगह डॉलर मजबूत होता है. इसलिए हमे जहाँ तक संभव हो स्वदेशी वस्तुएं इस्तेमाल करनी चाहिए, जिससे देश का पैसा देश में रहेगा और रुपया बढ़ेगा.
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