कश्मीर में आम लोगों से बात करना जरूरी है, न कि हुर्रियत से। घाटी में हुर्रियत और अलगाववादियों का कोई वजूद नहीं है। यह बात घाटी पहुंचे सिविल सोसाइटी के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने कही।
दो दिनी दौरे पर पहुंचे दल में भाजपा नेता एमजे खान, पूर्व राज्यसभा सदस्य शाहिद सिद्दीकी, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज इशरत मसरूर कुद्दूसी, सामाजिक कार्यकर्ता रजनी और वरिष्ठ पत्रकार कमर आगाह शामिल हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि उक्त दल उसी मकसद से घाटी पहुंचा है, जिसके तहत 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि न गाली से न गोली से बात बनेगी कश्मीरी अवाम को गले लगाने से। दल का कहना है उनकी कोशिश रहेगी ज्यादा से ज्यादा आम लोगों से बात हो। इसके लिए प्रधानमंत्री को खुद यहां आकर लोगों से बात करनी चाहिए।