कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएन पांडेय ने बताया कि अगले पांच दिनों तक बादलों की आवाजाही बनी रहेगी। इस वजह से प्रदूषण की स्थिति खराब हो सकती है। न्यूनतम पारे में एक से दो डिग्री तक गिरावट आई है।
कानपुर के माहौल में जैसे-जैसे ठंडक बढ़ रही है, हवा की गुणवत्ता भी खराब होती जा रही है। धुंध और धुएं परत सुबह और रात में और मोटी हो जाती है। दीवाली के बाद से माहौल में प्रदूषण बढ़ा था, उसके बाद धुंध और धुआं बढ़ने से लगभग वैसे ही स्थिति बनी है।
गुरुवार को कल्याणपुर, आईआईटी के आसपास, नेहरूनगर, किदवईनगर क्षेत्र में सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण रिकार्ड किया गया। इन क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 256 तक पहुंच गया है। प्रदूषण के सूक्ष्म कणों के सांस के साथ शरीर में जाने से सांस रोगियों की स्थिति बिगड़ रही है।
इसके साथ ही अस्थमा और दमा का अटैक पड़ रहा है। प्रदूषण से हृदय रोगियों को भी दिक्कत है। दीपावली के दिन शहर के एक्यूआई में सुधार देखा गया था। आतिशबाजी के कारण धुएं और गैस की चादर आसमान पर छा गई। 15 नवंबर को विभिन्न क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 350 तक पहुंच गया।
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