चकेरी के कृष्णानगर इलाके में चल रही एक फैक्टरी में आग लग गई। दमकल की पांच गाड़ियों ने दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
कानपुर में चकेरी के कृष्णानगर इलाके में रिहायशी क्षेत्र में चल रही बाइक के वाइजर बनाने वाली फैक्टरी में मंगलवार को आग लग गई। इससे इलाके में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंची फायरब्रिगेड की पांच गाड़ियों ने दो घंटे में आग पर काबू पाया। शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट से आग लगने की बात सामने आ रही है।
कृष्णा नगर के ब्लॉक नंबर 11 निवासी अंकित और चंदन भाटिया की ब्लॉक नंबर सात में तीन मंजिला फैक्टरी है। लोगों ने बताया कि मंगलवार को परेवा के चलते फैक्टरी बंद थी। दोपहर करीब तीन बजे लोगों ने फैक्टरी के अंदर से धुंआ निकलते देखा तो आग लगने की जानकारी हुई। फायरब्रिगेड की दो गाड़ियां पहुंचीं। फैक्टरी में अंदर घुसने का रास्ता न होने पर दमकल कर्मियों ने पड़ोसी वीरेंद्र सिंह व अन्य की दीवार को तोड़ा।
फिर दमकल कर्मियों ने पानी डालने का काम शुरू किया। इस बीच तीन गाड़ियां और पहुंच गईं। वहीं सीढ़ी लगाकर भी दमकल कर्मी फैक्टरी के भीतर जाने का प्रयास करते रहे। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। आग से पड़ोसी सैन्यकर्मी वीरेंद्र सिंह समेत अन्य की दीवारें भी काली हो गईं। लोगों ने बताया कि करीब 25 साल से रिहायशी इलाके में फैक्टरी चल रही है। दुर्गंध की भी समस्या रहती है।
जाजमऊ फायर स्टेशन के अधिकारी राहुल नंदन ने बताया कि प्रारंभिक जांच में शार्ट सर्किट से आग लगना प्रतीत हो रहा है। फैक्टरी बंद होने के कारण अंदर जाने का रास्ता नहीं था। इस वजह से पड़ोसी दीवारों को तोड़कर आग बुझाई गई। फिलहाल आग से कोई हताहत नहीं हुआ है। वहीं रिहायशी इलाके में चल रही फैक्टरी के कागजातों की भी जांच की जाएगी।
दीवारें तोड़ बनाया रास्ता, पड़ोसी का घर क्षतिग्रस्त
आग बुझाने के लिए पहुंचे दमकल कर्मियों को पड़ोसी सागर के मकान में घुसने का कोई रास्ता नहीं मिल रहा था। इस पर टीम पड़ोसी सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी वीरेंद्र सिंह की छत पर पहुंची। वहां से उसने सागर के मकान की दीवार को तोड़ा। साथ ही अन्य जगह से दीवार में छेद किए। इससे आग पर काबू पाने की कोशिश शुरू हुई। साथ ही दमकल कर्मी पीछे के राजू भाटिया आदि के घरों की छत पर पहुंचे। बिजली मिस्त्री राजू ने आग लगने के बाद फैक्टरी का बिजली कनेक्शन काटा।
दमकल कर्मियों ने निकाला भरा सिलिंडर
आग बुझाने के दौरान दमकल कर्मियों ने फैक्टरी के अंदर से तीन काॅमर्शियल सिलिंडर निकाले। इनमें से दो खाली और एक भरा था। यदि यह फट जाता तो बड़ी घटना हो सकती थी।