किडनी कांड में अभी और कई बड़े राज सामने आने की उम्मीद है। अब ऐसी बात सामने आ रही है जिससे पुलिस महकमे में हड़कंप मच सकता है।जब मंत्री के घर नशे की हालत में रिश्वत देने पहुंचे जेल अधीक्षक, जानिए तब क्या हुआ!
सूत्रों के मुताबिक गंगोत्री चैरिटेबिल अस्पताल में अब तक 50 से ज्यादा किडनियां निकाली गई है। किडनी निकालने और ट्रांसप्लांट करने में पूरी गोपनीयता बरती जाती थी। अस्पताल में विश्वास पात्र कर्मचारियों को छोड़कर दूसरों को मरीजों तक से बात करने की मनाही थी।
सप्ताह में तीन से चार मरीजों की एंट्री होती थी। इसकी पुष्टि के लिए पुलिस को मास्टर माइंड और उसके सहयोगियों की गिरफ्तारी का इंतजार है।
पूरा सच जानने को आतुर पुलिस
अधिकांश लोकल कर्मचारी तो अंदर की स्थिति तक से वाकिफ नहीं थे, मगर जिस तरह उन्होंने मरीजों की संख्या बताई है, उससे अंदाज लगाया जा रहा है कि यहां 50 से ज्यादा किडनियों को निकालने और प्रत्यारोपण का काम हुआ है।
चिकित्सक की टीम कुछ समय आपरेशन थियेटर में काम करने के बाद निकल जाती थी। उसके बाद दूसरे लोगों की जिम्मेदारी उनके देख-रेख की होती थी। गंगोत्री चैरिटेबिल अस्पताल का सहारा लेकर किडनी की खरीद-फरोख्त करने वाले इस गैंग ने गोपनीयता बनाए रखने को पूरे इंतजाम किए थे।
अस्पताल के दो गार्ड बताए गए है फरार
गंगोत्री चैरिटेबिल अस्पताल में सुरक्षा का काम देखने वाले दो गार्ड फरार बताए गए है। पुलिस उनके घरों तक गई, मगर वहां से गायब है। तीन दिन बाद गार्डों ने पुलिस से संपर्क करने की कोशिश नहीं की है, जिससे उन पर संदेह गहराता जा रहा है।
शेख ने दिया था एक-एक हजार रुपये
ओमान से आए एक शेख ने किडनी निकलने पर दो पीड़ितों को एक-एक हजार रुपये का पुरस्कार भी दिया था। पुलिस जांच में यह बात सामने आई है। किडनी निकलने के बाद शेख ने अस्पताल पहुंचकर यह रकम दी थी।