केंद्र की मोदी सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (SGB) के तहत अब तक कुल 31,290 करोड़ रुपये जुटाए हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में जानकारी दी है कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को नवंबर 2015 में आरंभ किया गया था और तब से अब तक सरकार ने विभिन्न किस्तों में 31,290 करोड़ रुपये की राशि संग्रहित की है।
लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि वित्तीय वैकल्पिक संपत्ति विकसित करने के मुख्य उद्देश्य और भौतिक स्वर्ण को खरीदने/ अपने पास रखने के एक विकल्प के रूप में, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम भारत सरकार द्वारा 5 नवंबर, 2015 को अधिसूचित की गई थी। इस स्कीम की विशेषताओं के संबंध में वित्त मंत्री ने कहा कि ये बॉन्ड भारतीय रुपये के भुगतान पर जारी किए जाते हैं और सरकारी की तरफ से RBI द्वारा जारी किए जाते हैं एवं इनकी सॉवरेन गारंटी होती है।
वित्त मंत्री ने कहा कि इन बॉन्ड की बिक्री निवासी भारतीय इकाईयों के लिए सीमित है। वर्तमान में निवेश की सीमाएं व्यष्टियों और हिन्दू अविभाजित परिवार के लिए 4 किलोग्राम प्रति वित्त वर्ष और न्यासों और इसके जैसी यूनिट्स के लिए 20 किलोग्राम प्रति वर्ष है। इन बॉन्ड पर ब्याज हर छमाही पर देय होता है और 2.50 फीसद हर साल की दर से देय है। बॉन्ड पर ब्याज आयकर अधिनियम के उपबंधों के मुताबिक, टैक्स योग्य होगा। इन बॉन्ड को डाक्यूमेंट्स और डी-मैट प्रारूप दोनों में मुहैया कराया जाता है और द्वितीयक बाजार में इनका व्यापार किया जा सकता है।
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