आधार से लिंक होने के बाद आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी बच्चों और महिलाओं की संख्या में कमी आई है। 50 हजार बच्चे और छह हजार महिलाएं सूची से कम हुई हैं। आधार लिंक होने के पहले इन बच्चों और महिलाओं का पोषाहार कहां जा रहा था? यह भी एक सवाल है।
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केंद्र सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों पर आने वाले बच्चों और गर्भवती महिलाओं को आधार से लिंक किए जाने का निर्देश दिया था। बताया गया कि जिन बच्चों और महिलाओं का आधार लिंक हुआ उन्हीं को पोषाहार दिए जाने की व्यवस्था है।
यह व्यवस्था वित्तीय साल 2017-18 से लागू की गई। आंकड़ों पर गौर करें तो मार्च 2017 में छह माह से तीन वर्ष के कुल 157950 बच्चे शामिल थे। इसी तरह तीन से छह साल के 157638 बच्चों के नाम पर पोषाहर खारिज किया गया था।
55721 महिलाओं के नाम पर जिले में पोषाहार खारिज किया गया था। आधार लिंक होने के बाद जुलाई में छह माह से तीन साल तक के बच्चों की संख्या घटकर 135106, तीन से छह साल के बच्चों की संख्या 128654 और महिलाओं की संख्या 49807 रह गई।
बच्चों की संख्या में 51828 और महिलाओं की संख्या में 5914 की कमी आ गई। खास बात यह भी है कि इसे लागू हुए लगभग पांच माह बीत गए। अब तक ज्यादातर आधारकार्ड लिंक हो गए हैं लेकिन यह संख्या अब तक पिछले आंकड़े को नहीं छू सकी।
इस बाबत जिला कार्यक्रम अधिकारी आरपी सिंह बताते हैं कि आधार से लिंक होने के बाद पोषाहार पाने वालों की संख्या में कमी आई है, लेकिन यह भी हो सकता है कि अब तक सभी के आधार कार्ड लिंक न हो पाएं हों।
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