केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकारों से कोरोना टीकाकरण के मानदंड का फैसला करने और कंपनियों के साथ काम करने में राष्ट्रीय रुख अपनाने का अनुरोध किया गया है। केंद्र सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि प्राथमिकता के आधार पर जरूरतमंद वर्गों को टीके की आपूर्ति के लिए संसाधनों के लिहाज से कोई समस्या नहीं है।

भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में बिहार में सभी को निशुल्क कोरोना वायरस टीका मुहैया कराने के वादे के बारे में पूछे गए एक प्रश्न पर नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि टीकों के उपलब्ध होने के बाद इन्हें लोगों तक पहुंचाने में संसाधनों का कोई मुद्दा नहीं आएगा।
राज्य सरकारों से अनुरोध किया है कि पूरी तरह स्थिति स्पष्ट होने तक वो इंतजार करें और टीकों के लिए मानदंड तय करने और कंपनियों के साथ काम करने के लिहाज से राष्ट्रीय रुख अख्तियार करें। उन्होंने कहा कि टीके की आपूíत असीमित नहीं होने पर प्राथमिकता तय की जाएगी और टीके की उपलब्धता के आधार पर प्राथमिकता के सिद्धांतों पर विचार किया जाए। इन सिद्धांतों पर विचार-विमर्श चल रहा है।
टीके पर विश्व समुदाय से गोयल का आह्वान
नई दिल्ली। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने पर्याप्त मात्रा और कम कीमत पर कोरोना के टीकों और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक समुदाय का आह्वान किया है, ताकि सभी लोगों को समय पर और समान रूप से इसे मुहैया कराया जा सके।
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सदस्यों के साथ वर्चुअल मीटिंग में गोयल ने कहा कि न्यूनतम संसाधन वाले देशों की टीके तक पहुंच आसान बनाने के लिए भारत और दक्षिण अफ्रीका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के सामने बौद्धिक संपदा के कुछ प्रावधानों में रियायत देने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने डब्ल्यूटीओ के सभी सदस्यों से इस प्रस्ताव का समर्थन करने का अनुरोध किया।
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