दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल के बीच मतभेद कोई नई बात नहीं है. अब तीर्थ यात्रा योजना को लेकर दोनों के बीच एक नई जंग छिड़ गई है.दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उपराज्यपाल अनिल बैजल ने उनकी सरकार की तीर्थ यात्रा योजना पर आपत्ति जताई. उन्होंने सरकार से कहा है कि वह इस योजना को सिर्फ गरीब परिवारों तक ही सीमित रखें. कैलाश गहलोत के बयान पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा कि वह जिस तरीके से उनकी सरकार के हर कामकाज में रुकावट डाल रहे हैं, ऐसे में सरकार चलाना मुश्किल हो जाएगा.
अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘अगर एलजी द्वारा दिल्ली सरकार और दिल्ली विधानसभा को बाधा पहुंचाने का काम ख़त्म हो चुका है तो वह दिल्ली पुलिस को अनुशासन में रहकर काम करने को कह सकते हैं, जोकि एलजी की पहली ड्यूटी है.’
बता दें कि केजरीवाल सरकार ने हाल ही में कैबिनेट के जरिए मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना को मंजूरी दी थी. इसके तहत दिल्ली से हर साल लगभग 1100 वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ यात्रा के लिए सरकारी खर्चे पर भेजा जा सकेगा. सरकार ने इसके लिए वैष्णो देवी, गोल्डन टेंपल जैसे 5 धार्मिक स्थल भी तय किए थे. केजरीवाल सरकार ने इसके लिए किसी आय सीमा को तय नहीं की थी.
अनिल बैजल ने जताई आपत्ति
कैलाश गहलोत के मुताबिक, उपराज्यपाल ने इस योजना में आपत्ति जताते हुए सरकार को हिदायत दी है कि वह इस योजना को सिर्फ गरीब तबके तक ही सीमित रखें. उपराज्यपाल की आपत्ति पर मंत्री कैलाश गहलोत ने ट्वीट किया कि शायद उपराज्यपाल भूल गए हैं कि दिल्ली में कई ऐसे परिवार हैं, जिनके बच्चे उन्हें भूल गए हैं और उनके साथ नहीं रहते. ऐसे बुजुर्ग मां-बाप को इस सरकारी योजना से जरूर लाभ होगा. गहलोत ने कहा कि हर योजनाओं को सिर्फ गरीब तबके के लिए सीमित कर देना सही नहीं है.
अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी को दी चुनौती
कैलाश गहलोत के बयान पर ही तुरंत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया कि उन्हें बड़ा दुख है जिस तरीके से उपराज्यपाल उनकी सरकार की हर योजनाएं और हर प्रोजेक्ट में रुकावट डाल रहे हैं. उन्होंने बीजेपी से अपील की कि वह उनके सरकार के कामकाज को ना रोके. केजरीवाल ने चुनौती देते हुए यहां तक कहा कि बीजेपी चाहे तो दूसरे राज्यों की सरकारों के साथ दिल्ली सरकार के कामकाज की तुलना कर ले.