हालांकि यह जानना थोडा मुश्किल है कि क्या कोई व्यक्ति आपसे सच्चा प्यार करता है, मगर कुछ संकेत हैं जिन्हें पहचान कर आप जान सकते हैं कि आपके गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड के मन में क्या है। यदि आप जानना चाहेंगे कि वह व्यक्ति जिसे आप सचमुच में चाहते हैं क्या वह भी आपसे प्रेम करता है, तब आपको इस पर ध्यान देना होगा कि वह व्यक्ति व्यवहार कैसा करता है, कहता क्या है और आपके साथ रहने पर करता क्या है। हालांकि प्यार का मतलब प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग अलग होता है, परंतु यह बता पाने के अनेक तरीके हैं कि क्या वह आपसे सच्चा प्यार करता है या उसे केवल आप पर आसक्ति है, आपको पसंद करता है, आपके पैसे से प्यार करता है या बस कुछ पलों के लिए आपकी ओर आकृष्ट हो गया है। यदि आप जानना चाहते हैं कि क्या वह आपसे सच्चा प्यार करता है तो इन चरणों का अनुपालन करिए।
1.ध्यान दीजिये कि वह व्यवहार कैसे करता है
अगली बार जब वह चिढ़ा हुआ हो या उसका दिन ठीक नहीं गया हो, तब देखिये कि आपके सामने उसकी क्या प्रतिक्रिया होती है।
देखिये कि क्या आपके साथ रहते समय वह स्वयं ही बना रहता है: प्रेम होने का एक अर्थ यह भी है कि आप दूसरे व्यक्ति से पूरी तरह से खुले हों। यदि आप उस व्यक्ति के बिलकुल दूसरे ऐसे पहलू को देख पाते हैं, जो कि उसके सार्वजनिक रूप से दिखने वाले रूप से बिलकुल भिन्न है, तब शायद प्रेम है। यदि आपका साथी सार्वजनिक रूप से गंभीर और शिष्ट रहता है, परंतु आपके साथ होने पर उसका मज़ाकिया और खिलंदड़ा रूप सामने आ जाता है, तब इसका अर्थ है कि वह आपके साथ खुल रहा है और वह आपसे प्यार करता है।
यदि तब ही आपके सम्मुख सहज रहता है जबकि पूरी तरह सजा धजा न हो, गिरा पड़ा हो, उसके दांतों में गंदगी अटकी हो, तब इसका अर्थ है कि वह अपने सभी पहलू आपको दिखा कर भी निश्चिंत है।
देखिये की क्या वह आपके साथ रह कर प्रसन्न रहता है – ऐसे दिनों में भी, जब सब कुछ ठीक नहीं भी चल रहा हो: यदि आपके प्रिय का दिन ठीक नहीं रहा हो मगर आपको देखते ही वह खिल जाता है, तब इसका अर्थ है कि, प्यार है। यदि उसे आपसे प्रेम हैं तब आपकी एक झलक या आपकी आवाज़ निश्चय ही उसका हाल बेहतर कर देगी – चाहे थोड़ा ही क्यों न हो।
देखिये कि क्या वह आपको गूगली नज़रों से देखता है: हालांकि यह बात सुनने में थोड़ी बेवकूफी भरी लगती है, मगर अगली बार जब आप उसकी ओर देखें, तब उसके चेहरे पर ध्यान दीजिये। क्या वह आपको मूर्खतापूर्ण, पनीली, हास्यास्पद मगर प्रेमपूर्ण नज़रों से देखता है, जिसे सिर्फ “गूगली नज़र” ही कहा जा सकता है? आपको पता चल जाएगा, जब आप उसको देखेंगी। आपको ऐसी नज़र हमेशा नहीं मिलेगी – आपको यह सुबह मिल सकती है या अनायास ही रात्रि भोज के समय।
यदि आपने कोई ऐसी बात कही हो जो कि बस थोड़ी सी ही हास्यास्पद हो, परंतु वह व्यक्ति उस पर ठहाके लगाने लगे, तब तो उसे प्रेमरोग हो ही गया है।
यदि वह व्यक्ति आपकी उपस्थिती में थोड़ा बेचैन लगता हो या बहुत कुलबुला रहा हो तब शायद वह मात्र आपकी उपस्थिति से थोड़ा उत्तेजित हो सकता है।
देखिये कि क्या आपकी उपस्थिती में व्यक्ति को चक्कर आता है: प्यार लोगों को चक्कर में डाल देता है, वो हवा में उड़ने लगते हैं और बिना किसी वजह के हँसते रहते हैं। यदि आप किसी व्यक्ति को अपनी उपस्थिति में ऐसा करते हुये पाएँ तब शायद उसे प्यार हो गया है। क्या आपका प्यारा, आपकी उपस्थिती में व्यग्र, उत्तेजित और बिना कारण के हंसने की सीमा पर पाया जाता है? यदि ऐसा है, तब यही प्यार है। आप शायद कभी उस व्यक्ति को इसी मुखाकृति के साथ घूरता हुआ भी पा सकती हैं।
देखिये कि क्या आपके परेशान होने से, वह भी परेशान होता है: चाहे आपको असह्य भावनात्मक पीड़ा हो या केवल फ़्लू होने के कारण आपका रंग उड़ा हो, जो आपसे प्रेम करता है, उस पर भी उसका कुछ तो रंग चढ़ना ही चाहिए। यदि वह आपसे सचमुच में प्रेम करता है तब तो उसे भी आपके कुछ नकारात्मक मनोभावों को सोख लेना चाहिए और उसे बहुत परेशान हो जाना चाहिए क्योंकि वह तो यही चाहेगा कि आप जल्दी से जल्दी ठीक हो जाएँ।
हालांकि उसे इतना परेशान नहीं होना चाहिए जितनी आप हैं, उस व्यक्ति को आपकी मनोभावनाओं से प्रभावित होना चाहिए, क्योंकि वह तो बस आपकी खुशी ही चाहता है।
2.ध्यान दीजिये कि वह क्या कहता है
देखिये कि क्या वह आपकी अर्थपूर्ण प्रशंसा करता है: इस कथन में कि, “मुझे आपकी नई केश सज्जा पसंद है” और इसमें कि, “आपमें यह क्षमता है कि चाहे जो भी हो आप मुझे अच्छा लगवा ही देंगी” अंतर है। यदि वह व्यक्ति आपकी ऐसी प्रशंसा करता है जिससे आपके चरित्र और व्यक्तित्व के महत्वपूर्ण पहलुओं की तारीफ झलकती है, तब अधिक संभावना यही है कि वह आपसे सचमुच में प्रेम करता है। आपके प्रेमी को हर समय आपकी प्रशंसा के पुल बांधने की आवश्यकता नहीं है – अंतर, मात्रा से नहीं परंतु गुणवत्ता से पड़ता है।
देखिये कि व्यक्ति जब “मुझे तुमसे प्यार है” कहता है तब क्या उसका अर्थ भी वही होता है: याद रखिए कि “प्यार है!” और “मुझे तुमसे प्यार है” में बहुत अंतर होता है। यदि आपका व्यक्ति विशेष, आपसे सच में प्यार करता है और आपकी आँखों में आँखें डाल कर ईमानदारी से, बिना कुछ और मांगे हुये, यही कहता भी है, तब संभावना यही है कि उसका अर्थ भी यही है।
यदि इसमें कोई शक नहीं है कि वह आपसे प्यार करता है, तब वह बिना किसी कारण के भी इसको कहेगा, इसलिए नहीं कि उसे कुछ चाहिए या उसे लगता है कि यह कहना ठीक होगा।
देखिये कि क्या वह व्यक्ति वास्तव में आपसे खुलता है: यदि आपका प्यारा आपसे वास्तव में प्रेम करता है तब वह वास्तव में आपसे खुलेगा और अपने विचार, भावनाएँ, डर और इच्छाएँ आपको बताएगा। यदि वह आपसे अपने बचपन, अपने पछतावे, अपने सबसे दुखद पल, और भविष्य के सबसे रूमानी सपने बता सकता है तब संभावना यह है कि यह सब इसीलिए संभव है क्योंकि वह व्यक्ति आपसे सब कुछ बता कर भी आश्वस्त है।
यदि वह व्यक्ति आपको बताता है कि, “मैंने आज से पहले यह सब किसी और को नहीं बताया है …..” तब अधिक संभावना इस बात की है कि वह सचमुच में आपसे प्रेम करता है और आप पर विश्वास भी।
देखिये कि क्या आपका प्रिय आपको बताता है कि जब आप दोनों अलग होते हैं तब उसे आपकी कितनी याद आती है: यदि जब आप और आपकी प्रिया एक दूसरे से अलग होते हैं, तब भी वह आपको टेक्स्ट करके, फ़ोन कर के या ई मेल द्वारा यह बताती है कि उसे आपकी कितनी याद आती है और उसके लिए आपके बिना जीवन का कोई अर्थ ही नहीं है। यदि आप तीन सप्ताह की छुट्टी पर जाते हैं और इस बीच में आपको उससे कोई संदेश नहीं मिलता है, तब शायद यह प्यार नहीं है। उसे आपको लगातार फ़ोन कर यह बताते रहने की आवश्यकता नहीं है कि उसे आपकी याद आ रही है।
देखिये कि क्या व्यक्ति आपकी राय को वास्तव में मूल्यवान समझता है: यदि व्यक्ति वास्तव में आपसे प्रेम करता है, तब उसे आपके विचारों की चिंता होगी – चाहे वह नए जूतों के संबंध में हो या देश की राजनीतिक परिस्थितियों के संबंध में। यदि उसे आपसे प्रेम होगा तब वह आपकी सलाह और राय, छोटे बड़े सभी मामलों पर माँगेगा। उसे आपकी राय मांगने में संकोच हो सकता है, मगर वह इसलिए माँगेगा क्योंकि वह आपसे प्रेम करता है। वह आपकी राय हर विषय में नहीं माँगेगा – केवल उनमें जो महत्वपूर्ण हैं।
3.ध्यान दीजिये कि वह क्या करता है
देखिये कि क्या असुविधाजनक होने पर भी – वह व्यक्ति आपके लिए सदैव बना रहता है: ठीक है कि जब आप कुछ मज़ेदार खाने या पीने वाले हैं तब तो वह व्यक्ति सदैव आपके साथ होता है, मगर तब क्या होता है जब आपको बाहर से आने पर हवाई अड्डे से आने के लिए सवारी चाहिए होती है या जब आप बीमार होते हैं तब आपके कुत्ते की देखभाल करने के लिए मदद की आवश्यकता पड़ती है? यदि व्यक्ति वास्तव में आपसे प्यार करता है, तब वह मज़े के दौरान और परेशानी में भी आपके साथ ही रहेगा।
यदि वह व्यक्ति तब तो आप के साथ होता है जब आप खुश होते हैं, मज़ाक कर रहे होते है, आपका मूड अच्छा होता मगर जैसे ही आप दुखी या चिड़चिड़े होते हैं, वह वहाँ से भाग जाता है, तब यह प्यार नहीं है। प्यार का मतलब है कि उसके लिए हमेशा आप को होना है – चाहे जो भी हो। सच्चे प्यार करने वाले अच्छे “और” बुरे दोनों ही गुणों को स्वीकार करते हैं और सुख तथा दुख दोनों में ही साथ रहते हैं।
- सच्चे प्यार का अर्थ केवल यह नहीं है कि आप किसी व्यक्ति से क्या ले सकते हैं, बल्कि यह भी है कि आप दे क्या सकते हैं।
- यदि व्यक्ति आपसे सच में प्यार करता है तब वह आपके लिए बिना कहे ही अच्छी चीज़ें करेगा। यह तो निहित होना चाहिए कि कभी कभार आपको अनुग्रह अथवा सहायता की आवश्यकता पड़ेगी। अगर आपको “हर बार” किसी अच्छी चीज़ को मांगने की आवश्यकता पड़ती है, तब तो शायद यह सच्चा प्यार नहीं है।
देखिये कि क्या वह आपके साथ रहना चाहता है: प्रेम में पड़ने का एक भाग यह भी है कि, सदैव साथ रहने की इच्छा हो, चाहे यह कितना भी अव्यावहारिक क्यों न हो। यदि वह व्यक्ति आपसे सचमुच में प्यार करता है तब वह आपके साथ ही रहना चाहेगा – बहुत ही अधिक। इसका मतलब यह नहीं है कि वह आप पर लदा ही रहेगा, परंतु इसका अर्थ है कि वह आपसे मिलने का कोई भी अवसर गंवाना नहीं चाहेगा।
- इसका अर्थ यह नहीं है कि वह व्यक्ति आपके साथ 24/7 रहना चाहेगा। मगर यदि वह महीने में आपसे एक या दो बार मिलने का ही समय निकाल पाता है, तब तो संभावना यही है कि शायद यह प्यार नहीं है।
- यदि व्यक्ति सारा दिन आपके साथ ही रहना चाहता हो, तब यह संकेत सच्चे प्रेम का नहीं बल्कि उसकी अपनी असुरक्षाओं का है।
देखिये कि क्या वह व्यक्ति आपको समझता है: सच्चा प्यार समझदार होता है। हालांकि यह बात थोड़ी कमजोर लगती है, मगर आपसे प्रेम करने के लिए उसे आपको “पाना” चाहिए। अगर वह व्यक्ति वास्तव में आपके मनोभावों को समझता है, जानता है कि आप क्या चाहते हैं और इससे पहले कि आपको पता चले कि आपको किस चीज़ से खुशी मिलती है, उसे पता चल जाये, तब यह है सच्चा प्यार।
- अगर आपका “कुछ भाग” अनजाना रह भी जाता है, कोई बात नहीं है – यह आवश्यक नहीं है कि आपको शत प्रतिशत समझ ही लिया जाये, मगर आपको इतना तो समझ में आना ही चाहिए कि दूसरा व्यक्ति वास्तव में अधिकतर, सचमुच में यह समझ सकता है कि आपके मन में क्या है।
- यदि वह व्यक्ति हर समय केवल वही चाहता है जो कि “दोनों के लिए” सर्वश्रेष्ठ हो, तब वह आपको वास्तव में एक ऐसे विशिष्ट व्यक्ति की तरह नहीं देख रहा है, जिसकी अपनी आवश्यकताएँ और इच्छाएँ हों।
देखिये कि क्या वह आपका वास्तव में समर्थन कर रहा है: यदि वह आपसे वास्तव में प्रेम करता है, तब वह केवल सुख में ही आपके साथ नहीं होता है, बल्कि आपके लक्ष्यों की प्राप्ति में और आपको जीवन में आगे बढ्ने में सहायता के लिए भी आपके साथ रहेगा। यदि वह वास्तव में आपसे प्यार करता होगा तब आपके खेल के समय आपकी सहायता के लिए साथ होगा, आपके शोध निबंध के समर्थन में आपके साथ होगा और आपको साथ नौकरी के साक्षात्कार में साथ ले जाने के लिए साथ होगा। और वह तब भी साथ होगा, जब आप उन विषयों पर बात करना चाहें, जो आपके लिए महत्वपूर्ण हों।
- यदि वह आपसे वास्तव में प्यार करता है, तब वह आपके लक्ष्यों की प्राप्ति में और रुचियों की प्राप्ति के प्रयास में आपका समर्थन करेगा, चाहे उनसे उसका कुछ भी लेना देना न हो।