भारत ने कोरोना संकट के दौरान दुनिया के अधिकांश मुल्कों की दवाओं, वैक्सीन एवं अन्य जरूरी चिकित्सा उपकरणों के साथ मदद की है। विदेश मंत्री एस जयशंकर (Minister of External Affairs S Jaishankar) ने राज्यसभा में गुरुवार को कहा कि कोरोना महामारी के मुश्किल वक्त में भी भारत ने दुनिया के कई मुल्कों की मदद की है। भारत ने भारत ने 150 देशों को दवाओं और पीपीई किट जैसे जरूरी चिकित्सा सामानों की आपूर्ति की है। इनमें से 82 देशों को अनुदान के रूप में यह मदद पहुंचाई गई है। मौजूदा वक्त में भारत दुनिया के लिए एक फार्मेसी हब के तौर पर उभरा है।
विदेश मंत्री ने राज्यसभा में बुधवार को बताया कि भारत ने वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के तहत 72 मुल्कों को कोविड-19 टीके की आपूर्ति करके उन्हें मदद पहुंचाई है। इन देशों में मालदीव, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और म्यांमार, मॉरीशस, सेशेल्स और खाड़ी देश शामिल हैं।
एस जयशंकर ने कहा कि कोरोना संकट के समय भारत दुनिया भर में हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन, पैरासिटामॉल और अन्य जरूरी दवाओं की आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम है। आज भारत मास्क, पीपीई और कोविड जांच किट का उत्पादन करने लगा है। यह हम केवल अपने लिए नहीं कर रहे हैं। हमनें कोरोना के खिलाफ लड़ाई में दुनिया के बाकी देशों को भी ये सामान उपलब्ध करा रहे हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह भी कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री मोदी का व्यापक नजरिया दुनिया के लिए काफी मददगार साबित हुआ है। प्रधानमंत्री की व्यावहारिक पहल ने दुनिया के देशों के साथ हमारी सद्भावना को सार्थक बनाने के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान की है। प्रधानमंत्री की पहलकदमी ने देश की मर्यादा बढ़ाई है। यह उदार दृष्टिकोण वंदे भारत मिशन के रूप में भी सामने आया।
एस जयशंकर ने कहा कि हमने वुहान और दूसरे देशों से अपने नागरिकों को वापस लेकर आए। हमने दूसरे देशों के लोगों की भी मदद की। हम वैक्सीन मैत्री के रूप में वैश्विक सहयोग की बड़ी पहल लेकर आए हैं। दूसरे मुल्कों को वैक्सीन की आपूर्ति पर्याप्त उपलब्धता के मूल्यांकन पर आधारित है। इसे घरेलू टीकाकरण कार्यक्रम की आवश्यकता को ध्यान में रखकर अंजाम दिया जा रहा है।