कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को देखते हुए प्रत्येक स्तर पर तैयारी आरम्भ हो रही है। केन्द्रीय आयुष मंत्रालय ने बच्चों के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए है। इसमें वक़्त रहते बच्चों में इम्यूनिटी को बढ़ाने पर ज्यादा जोर दिया गया है। नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ एस राजगोपाल ने एक मीडिया पोर्टल से विशेष बातचीत में बताया कि हालांकि बच्चों में कोरोना कम देखा जा रहा है मगर इसके लिए खास किट बनाया गया है जिसके सेवन से बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाया जा सके।
आयुष 64 का उपयोग:-
डॉ एस राजगोपाल ने बताया कि दिशा-निर्देशों के मुताबिक बच्चों को आयु के अनुसार वर्गीकृत किया गया है, जिसमें 10 से 15, 5 से 10 औऱ पांच साल से नीचे के बच्चों को आयु के हिसाब से किसी भी दवाई का डोज देने को कहा है। अगर बुखार आता है तो आयुष 64 उपयोग करने को कहा गया है।
आयुर्वेद बिहेवियर प्रोटोकाल:-
डॉ राजगोपाल ने बताया कि बड़ों की भांति बच्चों में भी आयुर्वेद बिहेवियर प्रोटोकॉल अपनाने को कहा गया है। इसके तहत बच्चों के माता-पिता को आयुर्वेदिक दवाओं का विशेष उपयोग करने को कहा गया है। इसके साथ ही गुनगुने पानी से बच्चों को गारगल करने के सुझाव दिए गए है।
बच्चों पर रखें विशेष ध्यान:-
डॉ राजगोपाल ने बताया कि आयुष मंत्रालय के दिशा-निर्देशों में बच्चों के व्यवहार को भी ध्यान में रखने को कहा गया है। बच्चों में सिर्फ बुखार को आधार नहीं बताया गया है। अचानक अगर बच्चों की एक्टिवीटी थोड़ी कम हो रही हो तब भी चिकित्सकों के सुझाव लेने को कहा गया है।
अणु तेल का उपयोग:-
इन दिशा-निर्देशों में अणु तेल ( सरसों का तेल) के उपयोग को अनिवार्य किया गया है। दावा यह किया जा रहा है कि यह तेल कोरोना कवच की भांति काम करता है। नाक के भेटेर से वायरस के संक्रमण को घुसने से रोकता है। रोजाना बच्चों को इस तेल का इस्तेमाल करने को कहा गया है।
बच्चे कहीं अकेले नहीं रहें:-
कोरोना संक्रमण होने पर सामान्य रूप से रोगियों को आइसोलेशन में भेज दिया जाता है। ऐसे में अगर बच्चों को आइसोलेट किया जाता है तो उनपर बहुत ही विपरीत मानसिक प्रभाव पड़ता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए बच्चों का विशेष ध्यान रखने को कहा गया है। इसके लिए माता पिता के लिए अलग से दिशा-निर्देश जारी किए गए है।
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