कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान भी राज्यों के आरोप-प्रत्यारोप से बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती बेहद निराश हैं। मायावती ने राज्यों की सीमा पर बढ़ते विवाद को लेकर केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है।
मायावती ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों को लेकर राज्य सरकारों की ओर से अनदेखी हुई है। बसपा प्रमुख ने कहा कि खासकर अपने भारत का अनुपम संविधान तो हर व्यक्ति की स्वतंत्रता, सुरक्षा और उसके आत्म-सम्मान, स्वाभिमान के साथ जीने की जबर्दस्त मानवीय गारंटी देता है, जिस पर सरकारों को सर्वाधिक ध्यान देना चाहिए। अगर ऐसा होता तो करोड़ों प्रवासी श्रमिकों को आज इतने बुरे दिन नहीं देखने पड़ते। सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय हो चुकीं मायावती ने कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर भारत के साथ ही अमेरिका में हो रहे बवाल पर चिंता जताई है। बसपा मुखिया मायावती ने कोराना वायरस के लगातार बढ़ते संक्रमितों तथा मौतों की संख्या के मद्देनजर केन्द्र व देश के विभिन्न राज्यों के बीच तालमेल व सद्भावना रखने की सलाह दी है। मायावती ने कहा कि राज्यों के बीच लगातार बढ़ता आरोप-प्रत्यारोप तथा राज्यों की आपसी सीमाओं को सील करना अनुचित व कोरोना के विरूद्ध संकल्प को कमजोर करने वाला है। इस मामले में तो केंद्र का प्रभावी हस्तक्षेप जरूरी है।
आम आदमी की जान की कीमत समझे सरकार
उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम मायावती ने अमेरिका में हो रहे प्रदर्शनों को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को चेतावनी दी है। मायावती ने कहा है कि सरकार आम आदमी के जान की कीमत को सस्ती समझने की भूल न करे। मायावती ने ट्वीट में लिखा- जार्ज फ्लायड की पुलिस के हाथों मौत के बाद ‘अश्वेतों की जिन्दगी की भी कीमत है’ को लेकर अमेरिका में हर जगह और विश्व के बड़े शहरों में भी इसके समर्थन में जो आन्दोलन हो रहा है उसका पूरी दुनिया को स्पष्ट संदेश है कि आदमी के जीवन की कीमत है और इसको सस्ती समझने की भूल नहीं करनी चाहिए।
मायावती ने अमेरिका पर भी हमला बोला है। मायावती ने कहा कि जार्ज फ्लायड की पुलिस के हाथों मौत काफी दर्दनाक है। वहां पर अश्वेतों की जिंदगी की भी कीमत है को लेकर काफी बवाल हो रहा है। अमेरिका में हर जगह तथा विश्व के बड़े शहरों में भी इसके समर्थन में जो आन्दोलन हो रहा है उसका पूरी दुनिया को स्पष्ट संदेश है कि आदमी के जीवन की कीमत है व इसको सस्ती समझने की भूल नहीं करनी चाहिए।