महंगाई पर प्रभावी नियंत्रण के लिए सरकार का सबसे ज्यादा जोर उत्पादन और भंडारण क्षमता बढ़ाने पर है। स्टॉक जितना बड़ा होगा, जमाखोरी उतनी ही कम होगी। अभी देश में उत्पादित अनाज के सिर्फ 47 प्रतिशत के भंडारण की ही सुविधा है। इसलिए पैक्स (प्राथमिक सहकारी समितियां) स्तर पर गोदाम बनाए जा रहे हैं। तैयारी तीन लाख गोदाम की है, जो विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत 511 पैक्सों का चयन किया गया है।
दरअसल, बागवानी फसलों के बारे में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान ने खाद्यान्न पदार्थों के आने वाले संकट की ओर संकेत किया है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार बागवानी उत्पादन लगभग 32.51 लाख टन कम हो सकता है। इनमें सर्वाधिक कमी प्याज, आलू, बैंगन समेत अन्य सब्जियों की होनी है। आलू-प्याज के दाम तो अभी से सिरदर्द बनने लगे हैं। ऐसे में तात्कालिक उपायों पर फोकस के साथ स्थायी समाधान के रास्ते भी तलाशे जाने लगे हैं।