सिरसा: कुछ समय पहले तब जिस बाबा राम रहीम को लोग भगवान मानते थे, आज उसके ही डेरे से सर्च आपरेशन के दौरान एक के बाद एक नया खुलासा हो रहा है। अब सर्च आपरेशन के दौरान डेरा सच्चा सौदा के यहां से भारी संख्या मेें प्लास्टिक करेंसी मिली है।

यह करेंसी इस बात का दर्शाती है कि डेर में लेनदेन का काम इसी करेंसी से होता था। यहां पर देश की करेंसी नहीं चलती थी। गौरतलब है कि सर्च ऑपरेशन के दौरान डेरा के अंदर एक कमरे से लाखों प्लास्टिक के टोकन मिले। ये डेरा सच्चा सौदा की अपनी प्राइवेट करंसी है। डेरा हर प्रकार का लेन.देन इस करंसी से होता था।
डेरा की ओर से इसके लिए एक रुपये से लेकर हजार रुपये तक के टोकन बनाए गए थे। जो भी शख्स डेरा में आता उसे भारतीय करंसी को काउंटर में जमा करवाना होता इसके बाद उसे डेरा करंसी के टोकन दिए जाते। चाहे खरीदारी करनी हो, होटल में खाना खाना हो या फिर माही सिनेमा में फिल्म देखनी हो टोकन करंसी का ही इस्तेमाल होता था।
सूत्रों के अनुसार सर्च ऑपरेशन के दौरान डेरा में मिले टोकनों की कीमत भारतीय करंसी में करीब 15 लाख रुपये है। हरियाणा पुलिस अब करेंसी से जुड़े तमाम पहलुओं की बारीकी से छानबीन कर रही है और माना जा रहा है कि इसके बाद आर्थिक अपराधों से संबंधित धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया जा सकता है।
ऐसा कहा जा रहा है कि राम रहीम अपने डेर में एक समानांतर सरकार चला रहा था। जानकार बताते हैं कि डेर में अपनी करेंसी चलाने के पीछे बाबा राम रहीम का मकसद डेर में हर गतिविधि पर अपना कंट्रोल रखना था।
वहीं डेर से जुड़े लोग इस करेंसी सिस्टम को टोकन सिस्टम बता रहे हैं। अब देखना यह होगा कि डेर से बरामद की गयी प्लासिटक करेंसी के संबंध में कोई कानूनी कार्रवाई की जाती है या नहीं।
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