आम आदमी पार्टी की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को नोटिस भेजकर पूछा है कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। आयोग ने ‘आप’ को 20 दिन के भीतर जवाब देने को कहा है। दरअसल, इनकम टैक्स विभाग की रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजी गई थी जिसके आधार पर चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन
आयकर विभाग और चुनाव आयोग को दिए अलग-अलग आंकड़ों को लेकर यह नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज यानी सीबीडीटी की भेजी रिपोर्ट के आधार पर आम आदमी पार्टी पर आरोप है कि उसने साल 2014-15 में चंदे के मामले में पारदर्शिता के चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन किया है।
जानकारी में अनियमितताएं पाई गई हैं
नोटिस में कहा गया है कि सीबीडीटी की रिपोर्ट से ऐसा प्रतीत होता है कि आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग के पारदर्शिता के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया। आम आदमी पार्टी के दिए खातों की जानकारी में अनियमितताएं पाई गई हैं। इसलिए पहली नजर में आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग के कानूनी निर्देशों का उल्लंघन किया है।
2 करोड़ रुपये का चंदा भी शामिल
बता दें कि आम आदमी पार्टी को पिछले साल आयकर विभाग का नोटिस गया था, जिसके बाद आइटी ने इस मामले को चुनाव आयोग के पास बढ़ा दिया था। आयकर विभाग की ओर से ‘आप’ को ये नोटिस साल 2014-15 के दौरान पार्टी द्वारा लिए गए चंदे के लिए भेजा गया था। इसमें अप्रैल 2014 के दौरान 2 करोड़ रुपये का चंदा भी शामिल है जिस पर काफी लंबे समय से विवाद था।