बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव फिर नई मुश्किल में हैं। चारा घोटाले के एक मामले की सुनवाई के लिए सीबीआइ कोर्ट ने उन्हें अपने गवाहों के साथ उपस्थित रहने को कहा है। उधर, कोर्ट ने बिहार के एक और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र को भी चारा घोटाला के एक मामले में उपस्थित होने का आदेश दिया है।जानिए, पाक की इस महिला से क्या है मोदी का कनेक्शन, 22 साल से बांध रही है राखी
देवघर कोषागार से करीब 90 लाख रुपये की अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 64ए/96 की सुनवाई के दौरान शनिवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने 10 व 11 अगस्त की तिथि निर्धारित की है। इसमें लालू प्रसाद की ओर से गवाही की प्रक्रिया चल रही है।
शनिवार को लालू की ओर से गवाह प्रस्तुत नहीं किया गया। चारा घोटाले के देवघर, दुमका, चाईबासा व डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चार मामलों में लालू प्रसाद ने सीबीआइ की तीन विशेष अदालत में अधिवक्ता के माध्यम से हाजिरी लगाई।
देवघर कोषागार मामले में 10 व 11 अगस्त को जब लालू कोर्ट में उपस्थित होने के लिए रांची पहुंचेंगे, तो अन्य तीन मामलों में भी हाजिरी लगाएंगे। इन मामलों की सुनवाई सीबीआइ के अलग-अलग तीन विशेष कोर्ट में चल रही है। इसकी सुनवाई न्यायालय में डे टू डे चल रही है।
उधर, चाईबासा कोषागार से करीब 37 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 68ए/96 में लालू की ओर से सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसएस प्रसाद की अदालत में गृह विभाग बिहार के तत्कालीन अवर सचिव गिरीश रंजन ठाकुर की गवाही दर्ज की गई। डोरंडा कोषागार से संबंधित मामले में द्वारिका प्रसाद की गवाही सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में जारी है।
डॉ. जगन्नाथ मिश्र व सजल चक्रवर्ती को उपस्थित होने का आदेश
चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 68ए/96 के पूरक अभिलेख की सुनवाई में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसएस प्रसाद की अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र व झारखंड के पूर्व मुख्यसचिव सजल चक्रवर्ती को उपस्थित होने का आदेश दिया है। अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि 16 अगस्त निर्धारित की है। न्यायालय में दोनों का बयान दर्ज किया जाना है। इस मामले में डॉ.जगन्नाथ मिश्र व सजल चक्रवर्ती को हाई कोर्ट से राहत मिली थी। इसके बाद इनके अभिलेख को अलग कर दिया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इनके खिलाफ मुकदमा चलाने का निर्देश दिया, तो उनके अभिलेख की सुनवाई चल रही है।