अमेरिकी जांच में खुलासा हुआ है कि इस साल की शुरुआत में अमेरिका के हवाई क्षेत्र में दिखे चीनी जासूसी गुब्बारे ने इंटरनेट का इस्तेमाल कर जानकारी बीजिंग भेजी थी। बता दें कि अमेरिका ने इस गुब्बारे को हवा में मार गिराया था। अमेरिका ने चीन पर गुब्बारे की मदद से जासूसी करने का आरोप लगाया था। हालांकि चीन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था। इसे लेकर दोनों देशों के रिश्तों में भी तनातनी देखने को मिली थी।
अमेरिकी इंटरनेट का ही कम्यूनिकेशन के लिए किया था इस्तेमाल
अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि चाइनीज गुब्बारे ने इंटरनेट भी अमेरिकी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर का ही इस्तेमाल किया था। हालांकि अमेरिका ने अभी तक इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के नाम का खुलासा नहीं किया है। अमेरिका की कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया गया था कि चीनी जासूसी गुब्बारे ने अमेरिका के इंटरनेट नेटवर्क का इस्तेमाल किया था। हालांकि अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि चीनी गुब्बारे ने नेविगेशन और लोकेशन संबंधी जानकारी ही चीन भेजी थी और अन्य अहम खुफिया डाटा सिर्फ इकट्ठा किया था, जिसे बाद में निकाला जाना था लेकिन उससे पहले ही अमेरिका ने गुब्बारे निशाना बनाकर गिरा दिया था। जासूसी गुब्बारे का मलबा अटलांटिक महासागर से बरामद हुआ था। इस मलबे की जांच की गई थी।
चीन करता रहा है जासूसी के आरोपों से इनकार
वहीं चीन लगातार कहता आ रहा है कि यह मौसम की जानकारी इकट्ठा करने वाला गुब्बारा था। चीन ने बताया कि यह गुब्बारा जासूसी के लिए इस्तेमाल नहीं हो रहा था और सिर्फ रास्ता भटककर अमेरिका पहुंच गया था। वहीं अमेरिकी अधिकारियों का दावा है कि चीन ने हाल के सालों में ऐसे दर्जनों खुफिया गुब्बारों का इस्तेमाल कर कम से कम पांच महाद्वीपों में घुसपैठ की है। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, चीनी सेना ने खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए यह साजिश रची है।
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