ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों में किसी घटना पर प्रतिक्रिया करने की क्षमता बहुत कम हो जाती है, जिसके कारण वे लोगों के साथ घुलने-मिलने में हिचकते हैं। ज्ञान मुद्रा मस्तिष्क के ज्ञान-तंतुओं को सक्रिय करती है।  यह मुद्रा मस्तिष्क में स्थित पिट्यूटरी ग्रंथि और पीनियल ग्रंथि को प्रभावित करती है। इससे स्मरण-शक्ति बढ़ती है। नकारात्मकता दूर होती है।  बुद्धि का विकास होता है तथा एकाग्रता बढ़ती है।
यह मुद्रा मस्तिष्क में स्थित पिट्यूटरी ग्रंथि और पीनियल ग्रंथि को प्रभावित करती है। इससे स्मरण-शक्ति बढ़ती है। नकारात्मकता दूर होती है।  बुद्धि का विकास होता है तथा एकाग्रता बढ़ती है।
यह मुद्रा छठी इन्द्रिय को सक्रिय करती है, इसलिए रचनात्मकता बढ़ाने के साथ ही आध्यात्मिक उन्नति में भी कारगर है। इससे शान्ति का अनुभव होता है। अंगूठे और तर्जनी के अग्र भाग को मिलाएं। शेष उंगलियों को सीधा रखें। धीमी, लंबी एवं गहरी सांस के साथ इसे 15-15 मिनट के लिए चार बार करें।
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