जदयू ने विक्षुब्ध नेता शरद यादव द्वारा रविवार को नई दिल्ली में बुलाई गई राष्ट्रीय परिषद की बैठक को अवैध करार देते हुए सोमवार को कहा कि उन्हें ऐसा करने का अधिकार नहीं है। राज्यसभा में पार्टी के नेता और राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह ने सोमवार को कहा कि शरद गुट के पार्टी नाम और प्रतीक चिन्ह के आवंटन की मांग को चुनाव आयोग द्वारा दो बार खारिज किया जा चुका है। इसके मद्देनजर उन्हें पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक के आयोजन का अधिकार नहीं है। 
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उन्होंने कहा, ‘मुझे समाचार पत्रों के माध्यम से पता चला था कि शरद यादव ने राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाई थी। यह पूरी तरह से अवैध है। सिंह ने कहा कि शरद यादव ने दावा किया है कि उनके द्वारा रविवार को नई दिल्ली में बुलाई गई राष्ट्रीय परिषद की बैठक में 500 सदस्यों ने भाग लिया, लेकिन यह हकीकत से परे है।
सिंह ने कहा कि शरद यादव ने जिस सूची का उल्लेख किया वह न केवल नकली है बल्कि एक पुरानी सूची है। नवंबर 2016 में राजगीर में नीतीश कुमार के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के साथ ऐसे लोगों का कार्यकाल 2015 में समाप्त हो गया था।
उन्होंने कहा कि आशअचर्य की बात यह है कि शरद ने उनके द्वारा बुलाई गई बैठक में 500 सदस्यों के भाग लेने का दावा किया है जबकि वर्तमान में राष्ट्रीय परिषद में सदस्यों की संख्या 194 ही है। सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय परिषद कुल 194 सदस्यों में से सबसे बड़ी संख्या 103 बिहार से, 35 केरल से, 31 झारखंड से, 23 जम्मू एवं कश्मीर से और 2 दादर और नगर हवेली से है।
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