बिलासपुर में 20 एकड़ से ज्यादा जमीन है। डेरा महंत प्रबंधक इसे अपनी जमीन बता रहे हैं और एसजीपीसी इसे गुरुघर की जमीन होने का दावा कर रही है। इसे लेकर हाईकोर्ट में केस भी चल रहा है।
खन्ना के थाना दोराहा के गांव बिलासपुर में जमीनी विवाद को लेकर एसजीपीसी और डेरा महंत प्रबंधकों के बीच खूनी झड़प हो गई। जमीन पर कब्जे को लेकर दोनों पक्ष आमने सामने आ गए। इस झड़प में दोनों पक्षों के एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। झड़प में एसजीपीसी के अतिरिक्त सचिव विजय सिंह समेत कई कर्मी घायल हुए हैं। सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जानकारी के अनुसार बिलासपुर में 20 एकड़ से ज्यादा जमीन है। डेरा महंत प्रबंधक इसे अपनी जमीन बता रहे हैं और एसजीपीसी इसे गुरुघर की जमीन होने का दावा कर रही है। इसे लेकर हाईकोर्ट में केस भी चल रहा है। आज एसजीपीसी अतिरिक्त सचिव विजय सिंह अपनी फोर्स समेत जमीन पर कब्जा लेने आए तो दोनों पक्ष आमने सामने हो गए।
अतिरिक्त सचिव विजय सिंह ने कहा कि जमीन पर कब्जे का कोई मसला नहीं है। जमीन गुरुघर की है। वे अपनी जमीन में ट्रैक्टर चलाने आए थे। वहां पहले से तैयार कुछ लोगों ने तलवारों से हमला कर दिया। उनके ऊपर पेट्रोल बम फेंके गए। एसजीपीसी के कई सेवादार घायल हुए। उंगलियां हाथ से अलग हो गईं। किसी की बाजू पर कट लगे।
डेरा महंत के करणदीप ने कहा कि करीब दो सौ साल पुरानी जमीन है जो राजे महाराजा ने उनके बुजुर्गों को दान दी थी। वर्ष 1960 से इस जमीन को श्री गुरु ग्रंथ साहिब की जमीन से जोड़ा जाने लगा। इसे लेकर काफी समय से केस चल रहे हैं। हाईकोर्ट में केस चल रहा है। किसी भी अदालत ने एसजीपीसी को कब्जा करने के आदेश जारी नहीं किए। आज एसजीपीसी वाले हथियार और ट्रैक्टर लेकर जबरदस्ती जमीन में घुसे। जब उन्होंने विरोध किया तो तलवारों से हमला कर दिया गया। उनके कई लोग घायल हो गए।
वहीं, घायलों का हाल जानने के लिए एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी सिविल अस्पताल पायल पहुंचे। उन्होंने डीएसपी पायल से मामले में उचित कार्रवाई की मांग की। धामी ने कहा कि यह जमीन गुरुघर की है। दूसरे पक्ष ने हमला करके गलत किया। पायल के डीएसपी निखिल गर्ग ने बताया कि दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। जिनके आधार पर आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।