इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पार्टी के भीतर लोकतंत्र कायम रखना जरूरी है। एक व्यक्ति की तानाशाही बर्दाश्त नहीं होगी। वह पार्टी को उनके बुनियादी असूलों पर लौटाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
जबकि विश्वास इसमें मजबूती लाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका बैक टू बेसिस सिद्धांत इसी की वकालत करता है। उन्होंने अरविंद केजरीवाल से अपील की कि पार्टी को हो रहे नुकसान से बचाएं।
पार्टी की तरफ से शिकायत मिलने के बाद भारी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंची। वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की वह दफ्तर खाली करके पूर्व इजाजत से किसी धरना स्थल पर प्रदर्शन करें।
इस पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को लिखित में आवेदन दिया कि यह पार्टी के भीतर का मामला है। वह अपने दफ्तर में शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रख रहे हैं। उनका किसी को नुकसान पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है।
काफी देर तक पुलिस अधिकारी प्रदर्शनकारियों को समझाते रहे। इस बीच प्रदर्शनकारियों ने टेंट लगाने के साथ लाउडस्पीकर आदि का इंतजाम भी कर लिया।
हालांकि, पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस मसले पर कोई भी बात करने से इंकार करता रहा, लेकिन अनौपचारिक रूप से बताया गया कि यह भाजपा प्रायोजित विरोध प्रदर्शन है। इसी वजह से पुलिस कब्जा खाली नहीं करवा रही है।
लोगों ने इसे आप नेतृत्व की तानाशाही करार दिया। मनजीत कौर ने कहा कि सीवाईएसएस से जुड़ी हैं। भरतपुर से आई हैं। अब यह कहकर बाहर निकलवाया जा रहा है कि मैं कार्यकर्ता नहीं हूं।
कुमार विश्वास की प्रदर्शनकारियों से अपील
मैंने आप सब से सदा कहा है, पहले देश, फिर दल, फिर व्यक्ति। आम आदमी पार्टी मुख्यालय पर जमा कार्यकर्ताओं से निवेदन है कि वह स्वराज, बैक टू बैसिक, पारदर्शिता के मुद्दों के लिए संघर्ष करें। मेरे हित-अहित के लिए नहीं। स्मरण रखिए अभिमन्यु के वध में भी उसकी विजय है। -डॉ. कुमार विश्वास
प्रदर्शनकारी खुद ही लौटे
पार्टी की तरफ से शिकायत की गई है कि कुछ लोग पार्टी दफ्तर में दाखिल हो गए हैं। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। प्रदर्शनकारियों से बातचीत की गई। देर शाम प्रदर्शनकारी मौके से खुद ही हट गए। -मंदीप सिंह रंधावा, डीसीसी, मध्य जिला दिल्ली पुलिस