28 और 29 अक्टूबर की रात आंशिक चंद्रग्रहण लगने वाला है। 14 अक्टूबर को वलयाकार सूर्य ग्रहण के बाद महीने की दूसरी खगोलीय घटना है। यह चंद्र दृश्य यूरोप एशिया ऑस्ट्रेलिया अफ्रीका उत्तरी अमेरिका उत्तर/पूर्व-दक्षिण अमेरिका प्रशांत अटलांटिक हिंद महासागर आर्कटिक और अंटार्कटिका सहित विभिन्न क्षेत्रों में दिखाई देगा। सरकारी एजेंसी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक ग्रहण कुल 1 घंटा 19 मिनट के लिए लगेगा।
इस सप्ताह आसमान में एक बार फिर खूबसूरत खगोलीय घटना देखने को मिलने वाली है। दरअसल, 28 और 29 अक्टूबर की रात आंशिक चंद्र ग्रहण लगने वाला है। 14 अक्टूबर को वलयाकार सूर्य ग्रहण के बाद महीने की दूसरी खगोलीय घटना है।
इन जगहों पर दिखेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण
यह चंद्र दृश्य यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, उत्तर/पूर्व-दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका सहित विभिन्न क्षेत्रों में दिखाई देगा।
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत के दिल्ली, गुवाहाटी, जयपुर, जम्मू, कोल्हापुर, कोलकाता और लखनऊ, मदुरै, मुंबई, नागपुर, पटना, रायपुर, राजकोट, रांची, आगरा, रेवाड़ी,अजमेर, शिमला, सिलचर, उदयपुर, उज्जैन, चेन्नई, हरिद्वार, द्वारका, मथुरा, हिसार, वडोदरा, वाराणसी, प्रयागराज, बरेली, कानपुर,अहमदाबाद, अमृतसर, बेंगलुरु भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, देहरादून, लुधियाना समेत कई शहरों में दिखेगा।
1 घंटा 19 मिनट का होगा ग्रहण
प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) ने कहा है कि भारत में, विशेष रूप से, आधी रात को चंद्रमा के धीरे-धीरे गायब होता नजर आएगा। चंद्रमा 28 अक्टूबर की आधी रात को चांद उपछाया चरण में प्रवेश करेगा और 29 अक्टूबर के शुरुआती घंटों में पूरी तरह से गायब हो जाएगा। इस चंद्र ग्रहण का उपछाया चरण 29 अक्टूबर को सुबह 1:05 बजे शुरू होगा और 2:24 बजे समाप्त हो जाएगा। सरकारी एजेंसी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, ग्रहण कुल 1 घंटा 19 मिनट के लिए लगेगा।
2025 में लगेगा अगला चंद्र ग्रहण
भारत में अगला चंद्र ग्रहण 7 सितंबर, 2025 को होगा और यह पूर्ण ग्रहण होगा। चंद्रमा को पृथ्वी की छाया में नग्न आंखों से देखना पूरी तरह से सुरक्षित होता है। In-The-Sky.org ने उन जगहों की जानकारी दी है, जहां से चंद्र ग्रहण देखा जा सकता है। विशेष रूप से नई दिल्ली से इस खगोलीय घटना का दक्षिण-पश्चिमी दृश्य देखा जा सकता है। ग्रहण के आखिरी समय में चंद्रमा क्षितिज से 62 डिग्री ऊपर स्थित होगा।