एथनाल उत्पादन बढ़ाने और पोल्ट्री फीड की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए सरकार मक्के की खेती को विशेष प्रोत्साहन देगी। मक्का खेती का सबसे ज्यादा लाभ किसानों को होगा। घरेलू जरूरतों के लिए कई मर्तबा मक्के का आयात भी करना पड़ता है। जबकि देश में मक्का खेती की पर्याप्त संभावनाएं हैं। इसके लिए देश में एथनाल उत्पादन संयंत्र तेजी से लगाए जा रहे हैं, जिससे एथनाल के साथ पोल्ट्री फीड पर्याप्त मात्रा उत्पादन होने लगेगा।

‘मक्का शिखर सम्मेलन 2022’ में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि मक्के के विविध उपयोग के चलते पूरे विश्व में इसकी लोकप्रियता बढ़ी है। तोमर ने कहा कि देश में मक्के का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार किसानों और उद्यमियों को पूरा समर्थन दे रही है। पिछले कुछ वर्षों में मक्के का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 43 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है। मक्का बहुपयोगी खाद्यान्न है, जो मानव भोजन के साथ एथनाल बनाने और पोल्ट्री फीड के अलावा पशु आहार बनाने में काम आता है।
कृषि मंत्री तोमर ने कृषि क्षेत्र में काफी निवेश की जरूरत बताते हुए कहा कि सरकार ने कृषि व उससे जुड़े क्षेत्रों के लिए लिए डेढ़ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का प्रविधान किया गया है। उन्होंने कृषि क्षेत्र में सरकार के प्रयासों की विस्तार से चर्चा की। पिछले कुछ सालों के दौरान उद्योगों के फायदे और किसानों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार ने श्रृंखलाबद्ध तरीके से अनेक नीतिगत सुधार किए व योजनाएं प्रारंभ की हैं।
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