जिस जहाज को अदन की खाड़ी में भारतीय युद्धपोत ने बचाया उस पर हूती समूह ने किया था हमला!

यमन के हूती विद्रोहियों ने शुक्रवार को अदन की खाड़ी में अमेरिकी जहाज को निशाना बनाया। इस समूह ने अमेरिकी ‘केम रेंजर’ जहाज पर कई मिसाइलें बरसाईं। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में हूतियों ने कहा कि उसके नौसैनिक बलों ने कई मिसाइलों के जरिए अमेरिकी जहाज पर सीधे वार किए। हालांकि, बयान में जहाज पर हमले का समय और बाकी जानकारियां नहीं दी गईं। हालांकि, केम रेंजर वही जहाज है, जिस पर गुरुवार को ड्रोन और मिसाइल हमले किए गए थे। इस शिप को तब भारतीय युद्धपोत ने खतरे से निकाला था और हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया।

गौरतलब है कि लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय मार्ग पर आने-जाने वाले जहाजों पर हूती विद्रोही संगठन के हमलों के चलते व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इन हमलों से निपटने के लिए अमेरिका और ब्रिटेन समेत कुछ और देशों ने अपने युद्धपोत और जंगी जहाजों को लाल सागर में तैनात किया है। अमेरिका ने अलग-अलग मौकों पर लेबनान और यमन में हूतियों के ठिकानों को निशाना भी बनाया है।

बताया गया है कि मार्शल आइलैंड के झंडे वाला केम रेंजर केमिकल टैंकर सऊदी अरब के जेद्दा से कुवैत जा रहा था। इसी दौरान इस पर हमला हुआ है। ब्रिटेन की एक कंपनी ने बताया कि मार्शल आइलैंड के केमिकल टैंकर ने इसी रूट पर ड्रोन्स द्वारा निशाना बनाए जाने की रिपोर्ट भेजी थी। बताया गया है कि अदन की खाड़ी में एक मिसाइल टैंकर से 30 किलोमीटर दूर गिरी। इसके बाद भारत के युद्धपोत ने जहाज को बचाया। घटना में अमेरिकी जहाज को कोई नुकसान नहीं हुआ था।

नौसेना की ईओडी टीम ने पहुंचाई थी मदद, जहाज सुरक्षित
संकट में फंसे व्यापारिक जहाज- एमवी जेनको पिकार्डी की मदद करने पहुंचे आईएनएस विशाखापत्तनम पर तैनात भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने सघन तलाशी के बाद जहाज को सुरक्षित करार दिया। नौसेना ने कहा कि ऐसे ऑपरेशंस पर काम करने के लिए ईओडी (Explosive Ordnance Disposal  या EOD) नाम के खास दल का गठन किया गया है। ईओडी टीम को विस्फोटकों से निपटने और धमाके वाले गोलाबारूद को नष्ट करने की ट्रेनिंग दी जाती है।

अमेरिका ने गुरुवार को फिर बनाया हूतियों को निशाना
बता दें कि अमेरिका ने गुरुवार को ही एलान किया कि उसने एक बार फिर हूती समूह के ठिकानों को निशाना बनाया। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिकी सेना ने कई एंटी-शिप मिसाइलों को तबाह किया। हमारे पास यह मानने की कई वजहें हैं कि इन्हें लाल सागर में दागने के लिए तैयार किया जा रहा था। दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि उनकी सेना ईरान समर्थित लड़ाकों को तब तक निशाना बनाना जारी रखेगी, जब तक वे लाल सागर में जहाजों को निशाना बनाना बंद न कर दें।

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