कोलकाता। मेडिकल डिवाइस उद्योग का कहना है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) शासन के अंतर्गत कर में बढ़ोतरी की गई है, जिसका बोझ मरीजों पर ही पड़ेगा। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। मेडिकल टेक्नॉलजी एसोसिएशन ऑफ इंडियाज (एमटीएएल) के बोर्ड सदस्य संजय भुटानी ने कहा, “जीएसटी में प्रस्तावित दरों से मेडिकल डिवाइस क्षेत्र ज्यादा कर लगने की उम्मीद कर रहा है, जिसका असर मरीजों की लागत पर ही पड़ेगा।”
मेडिकल टेक्नॉलजी एसोसिएशन ऑफ इंडियाज (एमटीएएल) के बोर्ड सदस्य संजय भुटानी ने कहा, “जीएसटी में प्रस्तावित दरों से मेडिकल डिवाइस क्षेत्र ज्यादा कर लगने की उम्मीद कर रहा है, जिसका असर मरीजों की लागत पर ही पड़ेगा।”
फिलहाल के अप्रत्यक्ष कर शासन के तहत मेडिकल डिवाइसों पर कुल कर 7.5 फीसदी से लेकर 10.7 फीसदी तक वसूला जाता है, जिसमें काउंटरवलिंग शुल्क, केंद्रीय बिक्री कर, मूल्य वर्धित कर (वैट), आक्टरोई, प्रवेश कर आदि सभी शामिल हैं।
उन्होंने कहा, “सर्जिकल उपकरणों पर महज 4.5 फीसदी से लेकर 1.3 फीसदी ही कर लगता है।” भुटानी के मुताबिक पहले यह उम्मीद थी कि जीएसटी के आने से करों का बोझ कम होगा, क्योंकि इसके तहत हर चीज पर करों को घटाया गया है, जबकि मेडिकल डिवाइसों पर कर को बढ़ा दिया गया है।
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