प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत जी-20 नेताओं ने आतंकवाद की वैश्विक समस्या से निपटने के लिए संयुक्त प्रयास करने और उसे वित्तीय मदद देने वाले स्रोतों पर नकेल कसने का संकल्प लेते हुए शुक्रवार को कहा कि दुनिया से हर हिस्से से आतंकियों की सभी पनाहगाह नष्ट की जानी चाहिए.

उन्होंने जर्मनी के हैमबर्ग शहर में जी-20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन आतंकवाद से निपटने पर 21 बिंदुओं वाले संयुक्त घोषणा पत्र में आपराधिक न्याय संबंधी कार्रवाई, एहतियातन कदम उठाने एवं संचालनात्मक सूचना साझा करने को लेकर खुफिया, कानून प्रवर्तन एवं न्यायिक प्राधिकारियों के बीच सूचना का तेज एवं लक्षित आदान-प्रदान करने का संकल्प लिया.
जी-20 सम्मेलन में भाग लेने आए नेताओं ने आतंकवादी गतिविधियों के लिए वित्तीय मदद को रोकने के लिए यह संकल्प दोहराया कि वे संपूर्ण अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली को आतंकवादियों को वित्तीय मदद देने के प्रतिकूल बनाएंगे और निजी क्षेत्र के साथ मिलकर काम करने समेत सूचना के आदान-प्रदान को बढ़ाएंगे.
इस मौके पर नेताओं ने इंटरनेट और सोशल मीडिया का दुरुपयोग करके आतंकी गतिविधियों के लिए फंड एकत्र करने, लोगों की भर्ती करने और कट्टरपंथ को बढ़ावा देने पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाए जाने की अपील की. उन्होंने निजी क्षेत्र के संचार सेवा प्रदाताओं से भी वेब से घृणा फैलाने वाली सामग्री हटाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की अपील की.
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