जो रूट और यॉर्कशायर के खिलाड़ियों ने लंकाशायर के खिलाफ मैच में खेल भावना का शानदार प्रदर्शन किया। यह घटना लंकाशायर के रन चेज के 18वें ओवर में हुई जब ल्यूक वेल्स ने गेंद को मिड ऑफ की ओर खेल दिया और तेज सिंगल के लिए भाग पड़े। हालांकि, रन लेते वक्त नॉन-स्ट्राइकर स्टीवन क्रॉफ्ट का बाएं पैर चोटिल हो गया और वे रन पूरा नहीं कर सके। पिच पर गिर पड़े। यह देख रूट ने अपने खिलाड़ियों से उन्हें रन आउट न करने के लिए कहा। 
रूट ने यह फैसला ऐसे समय किया जब यह मैच अहम मोड़ पर था। लंकाशायर को उस वक्त 18 गेंदों में 17 रनों की जरूरत थी और उसके पास पांच विकेट थे। उस समय, यॉर्कशायर को मैच में वापसी के लिए विकेटों की आवश्यकता थी। कमेंट्री बॉक्स में, इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर मार्क बुचर और रॉब की रूट के फैसले पर अलग-अलग प्रतिक्रिया दी। की ने रूट का समर्थन करते हुए इसकी तुलना फ़ुटबॉल से की। दरअसल फुटबॉल में किसी खिलाड़ी के चोटिल होने पर गेंद को मैदान से बाहर कर दिया जाता है। वही बुचर ने इसे पूरी तरह से ‘विचित्र’ बताया।
ऑन-फील्ड अंपायर ने इस गेंद को डेड घोषित किया और फिजियो क्रॉफ्ट की मदद के लिए मैदान पर पहुंचे। लंकाशायर के बल्लेबाज ने विरोधी टीम की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘वे रन आउट कर सकते थे और उन्हें इसके लिए श्रेय दिया जाना चाहिए कि उन्होंने ऐसा नहीं किया। इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान रूट ने कहा कि यह ‘दबाव में बहुत कठिन निर्णय’ था। 30 वर्षीय खिलाड़ी रन आउट करने से ज्यादा क्रॉफ्ट की चोट को लेकर चिंतित थे। उन्होंने कहा कि क्रॉफ्ट की चोट पहली नज़र में बहुत गंभीर लग रही थी। कई मायनों में यह राहत की बात है वे गंभीर तौर पर चोटिल नहीं हुए। पता है कि इस फैसले पर कई अलग-अलग राय होगी।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features