मोहाली। इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच के लिए पार्थिव पटेल के भारतीय क्रिकेट टीम में चयन को लेकर भले ही पूरी दुनिया हैरान है, लेकिन इस विकेटकीपर ने कहा कि उन्हें टीम में बुलावे की उम्मीद थी।

पार्थिव ने कहा, इस बार लंबा अंतरराष्ट्रीय घरेलू सत्र था और इसमें 13 टेस्ट मैच तय थे। मैं घरेलू क्रिकेट में खूब रन बना रहा था और विकेटकीपिंग भी अच्छी कर रहा था, इसलिए मुझे बुलावे की उम्मीद थी। मैं भले ही भारत ‘ए’ टीम में नहीं था, लेकिन मैं सिलेक्टर्स से लगातार संपर्क में था और उन्होंने मुझे अपने प्रदर्शन को जारी रखने को कहा था। मुझे एशिया कप में महेंद्रसिंह धोनी के कवर के रूप में टीम में शामिल किया गया था इसलिए मैं जानता था कि यदि अच्छा खेलता रहा तो टीम इंडिया में वापसी का मौका मिलेगा। इसलिए टीम में चयन मेरे लिए चौंकाने वाला नहीं है।
पार्थिव ने कहा, रिद्धिमान साहा बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे और उनका इस तरह चोटिल होना दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन खेल में चोट तो लगती ही रहती है। 17 साल की उम्र में टेस्ट डेब्यू करने के बाद से पार्थिव 20 टेस्ट, 38 वन-डे और 2 टी20 मैच खेल चुके है। उन्होंने स्वीकारा कि पिछली बार तो कम उम्र के चलते वे अपने प्रदर्शन में निरंतरता बरकरार नहीं रख पाए और टीम से बाहर हुए थे। अब टीम में जगह बनाए रखने के लिए उन्हें बेहतर प्रदर्शन करना होगा और प्रदर्शन में निरंतरता बनाए रखने होगी क्योंकि अब तो प्रतिस्पर्धा बहुत ज्यादा बढ़ गई है।
साहा को विशाखापत्तनम में दूसरे टेस्ट के दौरान जांघ में खिंचाव आ गया था। इसके बावजूद पार्थिव को टीम में चुने जाने पर सभी को आश्चर्य हुआ क्योंकि सिलेक्टर्स ने नमन ओझा, संजू सैमसन, रिषभ पंत, दिनेश कार्तिक जैसे दावेदारों की अनदेखी कर उन्हें मौका दिया। केएल राहुल विकेटकीपिंग भी करते हैं, लेकिन उन्हें भी इस अतिरिक्त दायित्व को सौंपने पर विचार नहीं किया गया।
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