चीन के बाद अब कनाडा के साथ अमेरिका का ट्रेड वॉर शुरू हो गया है. शुक्रवार को कनाडा ने अमेरिका के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हुए उसके 12.6 अरब डॉलर के उत्पादों पर शुल्क लगाने की घोषणा कर दी है. इनमें संतरे का रस और केचप जैसे उत्पाद शामिल हैं.
इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोपीय संघ (EU), कनाडा और मैक्सिको से आयातित ( imported) इस्पात (Steel) पर 25 प्रतिशत और एल्यूमीनियम (Aluminum) पर 10 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की थी. ये शुल्क एक जुलाई से लागू होंगे.
इसके अलावा कनाडा ने अपने इस्पात और एल्युमीनियम उद्योग के लिए दो अरब कनाडाई डॉलर की मदद की भी घोषणा की है. अमेरिकी शुल्क से इन उद्योगों को कुछ राहत देने के लिए कनाडा ने यह कदम उठाया है. अमेरिका के खिलाफ कनाडा की जवाबी कार्रवाई से वैश्विक ट्रेड वॉर तेज होगा.
इससे पहले अमेरिका ने स्टील पर 25 प्रतिशत और एल्यूमीनियम पर 15 प्रतिशत टैरिफ चीन को टारगेट कर लगाया गया था, लेकिन अब ऐसा लगता है कि इससे अमेरिका के सहयोगी देश भी प्रभावित हो रहे हैं.
क्या है ट्रेड वॉर?
ट्रेड वॉर अर्थात कारोबार की लड़ाई दो देशों के बीच होने वाले संरक्षणवाद का नतीजा होता है. यह स्थिति तब पैदा होती है, जब कोई देश किसी देश से आने वाले सामान पर टैरिफ ड्यूटी बढ़ाता है. इसके जवाब में सामने वाला देश भी इसी तरह ड्यूटी बढ़ाने लगता है.
ज्यादातर समय पर दुनिया का कोई भी देश यह कदम तब उठाता है, जब वह अपनी घरेलू इंडस्ट्री और कंपनियों का संरक्षण करने के लिए कदम उठाता है. इस ट्रेड वॉर का असर धीरे-धीरे पूरी दुनिया पर दिखने लगता है. इसकी वजह से वैश्विक स्तर पर कारोबार को लेकर चिंता का माहौल तैयार हो जाता है.
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features