मुंबई लोकल ट्रेन में सफर करने वाली महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए सेंट्रल रेलवे ने जो सुझाव दिए हैं वो किसी के गले नहीं उतरेगा। सेंट्रल रेलवे में तैनात आरपीएफ ने कहा है कि कंपार्टमेंट का रंग बाहर से भगवा करने से महिलाओं में वीरता और साहस जगेगा। वहीं पुरुषों में बलिदान की भावना और शिष्टता आएगी। 
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आरपीएफ के कमिश्नर ने लिखा है पत्र
आरपीएफ के एडिश्नल चीफ सिक्युरिटी कमिश्रर ने रेल मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा है कि महिलाओं के लिए आरक्षित कोच/कंपार्टमेंट का रंग बाहर से ट्रेन के बाकी कोचों से अलग होना चाहिए। केसरिया रंग इसके लिए सुझाया गया है।
केसरिया रंग साहस, वीरता और बलिदान को दर्शाता है, जो महिला यात्रियों को उनके कोच में घुसने वालों के खिलाफ जागरूक करेगा। साथ ही यह पुरुष यात्रियों को महिलाओं के लिए आरक्षित कंपार्टमेंट्स में से जाने से उन्हें रोकेगा।
साथ ही महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा का बंदोबस्त बेहतर करने के लिए उनसे कुछ सुझाव भी मांगे गए थे। इनमें से जो सुझाव अच्छे होंगे उन पर जनवरी-2018 से अमल किया जा सकता है। बताया जाता है कि इसी के जवाब में मध्य रेलवे की ओर से यह कंसेप्ट नोट भेजा गया है।
इसमें कुल छह प्रस्ताव हैं। मगर सुर्खियां सिर्फ डिब्बों को भगवा रंग से रंगे जाने के प्रस्ताव ने ही बटोरी हैं क्योंकि एक तो यह केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा से मेल खाता है। दूसरा- इसे विपक्ष भी एक मुद्दा बना सकता है।
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