सिक्किम सेक्टर के डोका ला क्षेत्र में चीन की धमकियों का जवाब देते हुए सरकार ने कहा है कि भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाने को तैयार है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने शुक्रवार को कहा कि सरकार तैयार रहती है। उन्होंने कहा कि नागरिकों और सीमाओं की हिफाजत करना हमारी जिम्मेदारी है। हालांकि बागले ने स्पष्ट किया कि हम दोनों पक्षों को स्वीकार्य समाधान खोजने के लिए चीन से कूटनीतिक संवाद के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि भारत इस मुद्दे पर लगातार भूटान से संवाद और समन्वय बनाए हुए है।

गौरतलब है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भारत का रुख स्पष्ट कर चुकी हैं कि किसी भी तरह की बातचीत के लिए दोनों पक्षों को अपनी सेनाओं को वापस बुलाना चाहिए। सीमा पर गतिरोध 16 जून को तब शुरू हुआ था जब चीनी सेना ने भूटान-चीन-भारत सीमा के पास एक सड़क बनानी शुरू की जिस पर भारत ने कहा कि यह इलाके में यथास्थिति बदलने के लिए चीन की एकतरफा कार्रवाई है। मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने पर चीन के अड़ंगे पर बागले ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि आतंकवाद के सभी स्वरूपों के खिलाफ चीन हमारा साथ देगा। डोका ला में भारतीय सैनिकों की संख्या में कटौती किए जाने के सवाल को सैन्य संचालन संबंधी प्रश्न बताकर वागले ने कोई जानकारी देने से इनकार किया।
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हमारे संयम की भी सीमा
चीन इससे पहले चीन ने कहा कि उसने सिक्किम में सैन्य गतिरोध को लेकर अत्यंत संयम बरता है, लेकिन संयम की भी सीमा होती है। चीन के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार रात यह प्रतिक्रिया दी। चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता रेन गुआकियांग ने सीमा क्षेत्र में शांति बहाली के लिए उचित तरीके से स्थिति का समाधान निकालने के लिए कहा।
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