भारतीय सेना ड्रोन हमलों से निपटने का समाधान ढूंढ़ने के लिए परीक्षण कर रही है। पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर में आतंकी ठिकानों के खिलाफ शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद इस्लामाबाद ने बड़े पैमाने पर ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था।
आकाशतीर वायु रक्षा प्रणाली ने ड्रोन हमलों को किया विफल
रक्षा मंत्रालय के पूर्व प्रधान सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल वीजी खंडारे (सेवानिवृत्त) ने इंडिया स्पेस कांग्रेस में संवाद सत्र में कहा, ड्रोन हमलों से निपटने के लिए सशस्त्र बल पहले से ही परीक्षण कर रहे हैं। भारत ने अपने स्वदेश निर्मित आकाशतीर वायु रक्षा प्रणाली का उपयोग करके पाकिस्तान द्वारा किए गए कई ड्रोन हमलों को विफल कर दिया था।
सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल खंडारे ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान न तो थलसेना और न ही वायुसेना के पायलटों ने सीमा पार की, लेकिन फिर भी वे पाकिस्तान के अंदर आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया।
जमीनी मोर्चे पर सैनिकों की तैनाती की अहमियत
हालांकि, उन्होंने कहा कि युद्ध में प्रौद्योगिकी के उभरते उपयोग से जमीनी मोर्चे पर सैनिकों की तैनाती की अहमियत कम नहीं होती। आप किसी पर वार कर सकते हैं, लेकिन जमीन पर सैनिक यह निर्धारित करेंगे कि उस विशेष क्षेत्र का मालिक कौन है।
पाकिस्तान पर साधा निशाना
यदि आप उस भूमि पर कब्जा नहीं करते हैं, तो आपके पास एक पराजित देश होगा जो किसी को फील्ड मार्शल के रूप में पदोन्नत कर देगा। उन्होंने कहा, हम विकसित भारत के विजन की दिशा में प्रयास कर रहे हैं, सुरक्षित भारत सुनिश्चित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
यदि आप उस भूमि पर कब्जा नहीं करते हैं, तो आपके पास एक पराजित देश होगा जो किसी को फील्ड मार्शल के रूप में पदोन्नत कर देगा। उन्होंने कहा, हम विकसित भारत के विजन की दिशा में प्रयास कर रहे हैं, सुरक्षित भारत सुनिश्चित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features