उत्तर प्रदेश के कासगंज शहर में हिंसा शनिवार को भी जारी रही. उपद्रवियों ने तीन दुकानों, दो निजी बसों और एक कार को आग के हवाले कर दिया. रिपोर्ट के मुताबिक, गणतंत्र दिवस के मौके पर एक मोटरसाइकिल यात्रा पर पथराव के बाद यहां हिंसा भड़क उठी थी. उधर, आजतक से बात करते हुए कासगंज हिंसा पर एसपी सुनील सिंह ने हिंसा की वारदातों के पीछे राजनीतिक साजिश की आशंका जाहिर की है. उन्होंने कहा कि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता की इसके पीछे राजनीतिक साजिश हो सकती है. आइए देखते हैं कासगंज हिंसा से जुड़ी 13 और PHOTOS…
 
स्थानीय प्रशासन ने 28 जनवरी रात दस बजे तक ऐहतियातन इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी थीं. ताकि सोशल मीडिया के जरिए फैलने वाली अफवाहों को रोका जा सके. शहर में 26 जनवरी को हिंसा फैलने के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया था.
 
हिंसा के कारण हुई क्षति के बारे में अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) आनंद कुमार ने पीटीआई को बताया कि तीन दुकानों में तोड़फोड़ की गयी है. उनके शटर के नीचे पेट्रोल डालकर आग लगा दी गयी.
 
पुलिस के मुताबिक, दो निजी बसों में भी पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी गयी. एक खाली पड़े मकान को असामाजिक तत्वों ने आग के हवाले कर दिया. शाम को उपद्रवियों ने एक खाली कार को भी आग लगा दी.
 
प्रमुख सचिव (गृह) अरविन्द कुमार ने कहा था कि दो मामले दर्ज किये गये और नौ गिरफ्तारियां की गयीं. चालीस और लोगों को एहतियातन गिरफ्तार किया गया.
 
आगरा जोन के अपर पुलिस महानिदेशक, अलीगढ़ के मंडलायुक्त, अलीगढ रेंज के पुलिस महानिरीक्षक 26 जनवरी को मौके पर पहुंच गए थे. पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी डी के ठाकुर को लखनऊ से मौके पर भेजा गया.
 
पीएसी की पांच कंपनियां और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की एक कंपनी भी कासगंज पहुंची थी. जोन से अतिरिक्त सिविल पुलिस अधिकारी एवं अन्य पुलिसकर्मी भी पहुंचे.
 
अधिकारियों का कहना है कि हिंसा में मारे गये लड़के की अंत्येष्टि के बाद कुछ उपद्रवियों ने शांति भंग करने का प्रयास किया लेकिन उनसे सख्ती से निपटा गया. शहर के बाहरी हिस्सों में आगजनी के छिटपुट प्रयास हुए.
 
जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि वह कड़ाई से पेश आये और किसी को कानून हाथ में लेने की अनुमति ना दे. जिलाधिकारी ने धारा 144 लागू कर दी.
 
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि निषेधाज्ञा लागू हैं. उन्होंने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि कर्फ्यू उठाया गया है या नहीं.

उधर उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक बयान में कहा, ’26 जनवरी को प्रातः कस्बा कासगंज में कुछ लोग मोटरसाइकिलों पर हाथ में तिरंगा लेकर भारत माता की जय के नारे लगाते हुए भ्रमण कर रहे थे. यात्रा जैसे ही अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र बड्डूनगर के क्षेत्र में पहुंची तो कुछ उपद्रवी तत्वों द्वारा पथराव व फायरिंग कर दी गयी, जिससे दोनों पक्षों में विवाद उत्पन्न हो गया तथा अफरातफरी व्याप्त हो गयी.’
 पुलिस बयान में कहा गया, ‘इसी बीच फायरिंग के फलस्वरूप अभिषेक गुप्ता उर्फ चन्दन एवं नौशाद दो नवयुवक गोली लगने से घायल हो गये. घायल चन्दन को सरकारी अस्पताल भेजा गया, जहां उसकी मौत हो गयी. नौशाद को गम्भीर अवस्था में अलीगढ़ भेजा गया.’
पुलिस बयान में कहा गया, ‘इसी बीच फायरिंग के फलस्वरूप अभिषेक गुप्ता उर्फ चन्दन एवं नौशाद दो नवयुवक गोली लगने से घायल हो गये. घायल चन्दन को सरकारी अस्पताल भेजा गया, जहां उसकी मौत हो गयी. नौशाद को गम्भीर अवस्था में अलीगढ़ भेजा गया.’
 पुलिस महानिदेशक ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाये रखने के अलावा हमारा प्रयास है कि समुदायों में परस्पर भाईचारा कायम रहे. प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इसके पीछे जिन लोगों का हाथ है, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाये रखने के अलावा हमारा प्रयास है कि समुदायों में परस्पर भाईचारा कायम रहे. प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इसके पीछे जिन लोगों का हाथ है, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.
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