दुनिया के सबसे धनी मंदिरों में शुमार तिरुपति देवस्थानम की तीर्थनगरी ऋषिकेश में भी बेशुमार संपत्ति है। इनमें से एक संपत्ति पर मंदिर व आश्रम निर्मित है, जबकि तीन संपत्तियों पर आम के बाग हैं। ऋषिकेश स्थित संपंति को बेचने के फैसले से हर कोई हैरान था। 
कोरोनाकाल में लॉकडाउन के चलते पूरे देश की अर्थव्वस्था पर प्रभाव पड़ा। धार्मिक संस्थाओं के साथ ही व्यापार जगत को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसे में कई संस्थाएं अब घाटे को दूर करने के विकल्प भी तलाशने लगी हैं।
कोरोना के इस संक्रमण के दौरा के दौरान सबसे धनी मंदिर तिरुपति की ओर से अपनी 50 संपत्तियों को बेचने का फैसला लिया गया था। इसे अब वापस ले लिया गया। इसमें एक संपत्ति ऋषिकेश की भी थी। ट्रस्ट का कहना था कि इन संपत्तियों से कोई आय नहीं हो रही थी, इसलिए बेचने के बारे में सोचा गया था।
बिगड़ती वित्तीय स्थिति को देखते हुए अपनी 50 संपत्तियों की नीलामी का फैसला करने वाले तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट के इस फैसले से हर कोई हैरान था। हालांकि, अब तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट ने इन संपत्तियों की नीलामी का फैसला वापस ले लिया है। बताया जा रहा है कि ट्रस्ट जिन संपत्तियों को नीलाम करने जा रहा था, उनमें ऋषिकेश की भी एक संपत्ति थी।

तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट के क्षेत्रीय प्रबंधक सुधाकर ने बताया कि ऋषिकेश तहसील क्षेत्र में ट्रस्ट की चार अचल संपत्तियां हैं। इनका कुल क्षेत्रफल 14.7 एकड़ है। इसके अलावा ट्रस्ट की देहरादून में राजपुर रोड पर भी करीब सात एकड़ भूमि है।
ऋषिकेश में लक्ष्मणझूला रोड स्थित जिस संपत्ति पर ट्रस्ट का मंदिर व आश्रम है, उसका कुल क्षेत्रफल 4.5 एकड़ है। इसके अलावा देहरादून मार्ग पर ट्रस्ट के पास दो भू-संपत्तियां हैं। इनमें चारधाम यात्रा बस टर्मिनल के समीप 1.6 एकड़ और देहरादून मार्ग पर ही आशुतोष नगर के समीप करीब 7.4 एकड़ भूमि पर आम के बाग हैं।
इसके अलावा श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज के समीप गंगानगर में भी ट्रस्ट की एक अन्य अचल संपत्ति है। यहां करीब 1.2 एकड़ भूमि पर आम का बाग भी मौजूद है। हालांकि, यह बात स्पष्ट नहीं हो पाई कि इनमें से ट्रस्ट किस संपत्ति को नीलाम करने की तैयारी में था।
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