तेलंगाना सुरंग हादसे में जान गंवाने वाले गुरप्रीत सिंह के पार्थिव शरीर को पंजाब में उनके पैतृक स्थान भेज दिया गया है। सुरंग में फंसे सात अन्य लोगों का पता लगाने के लिए सोमवार को 17वें दिन भी बचाव अभियान जारी रहा। रविवार को तलाशी अभियान के दौरान टनेल बोरिंग मशीन (टीबीएम) ऑपरेटर गुरप्रीत का शव बरामद किया गया था।
गुरप्रीत रॉबिन्स कंपनी के लिए टीबीएम ऑपरेटर के रूप में काम करते थे। 22 फरवरी को सुरंग के आंशिक रूप से ढहने के बाद अंदर फंसे आठ लोगों में गुरप्रीत भी थे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नगरकुरनूल के सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम और अन्य प्रक्रियाओं के बाद शव को एक विशेष एम्बुलेंस में पंजाब में उनके पैतृक स्थान ले जाया गया।
गाद के नीचे दबा था शव
मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने उनके परिवार को 25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 48 घंटे से अधिक समय तक बहुत सावधानी से खोदाई और अन्य प्रयासों के बाद शव को निकाला जा सका। करीब 10 फीट की गहराई पर गाद के नीचे शव दबा हुआ था।
गुरप्रीत सिंह की पहचान उसके बाएं कान की बाली और दाहिने हाथ पर टैटू के आधार पर की गई। अधिकारी ने बताया कि शेष श्रमिकों की तलाश जारी है। गुरप्रीत के अलावा फंसे हुए सात अन्य लोगों में मनोज कुमार (यूपी), सनी सिंह (जम्मू-कश्मीर), और संदीप साहू, जेगता जेस तथा अनुज साहू शामिल हैं जो सभी झारखंड के हैं।
गौरतलब है कि श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) परियोजना की सुरंग का एक हिस्सा 22 फरवरी को ढह जाने के बाद इंजीनियर और मजदूर सहित आठ लोग उसमें फंस गए थे। एनडीआरएफ, भारतीय सेना, नौसेना और अन्य एजेंसियों के विशेषज्ञ उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।
पत्नी ने मुआवजा और सहायता की मांग की
गुरप्रीत सिंह के परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटियां हैं। पत्नी ने पंजाब सरकार से मुआवजा और सहायता की मांग की है, क्योंकि गुरप्रीत ही परिवार का एकमात्र कमाने वाला था। उनकी पत्नी ने अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए सरकारी नौकरी का अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा, ‘सरकार से मेरा अनुरोध है कि या तो मेरी बेटियों को या मुझे सरकारी नौकरी दी जाए ताकि मैं अपने बच्चों की देखभाल कर सकूं।’ गुरप्रीत के चाचा कुलवंत सfxह ने इस बात पर निराशा जताई है कि पंजाब सरकार का कोई भी प्रतिनिधि उनके घर संवेदना या समर्थन देने नहीं आया।