बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में आए तूफान से राजनीतिक माहौल गर्म है। भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी बनाए गए डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के इस्तीफा को लेकर जदयू व राजद आमने-सामने आ गए हैं। चर्चा है कि रविवार को जदयू विधायक दल की हो रही बैठक में इस बाबत कोई फैसला भले ही हाे जाए, इसपर अमल सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव के पहले नहीं होगा। कारण यह कि विपक्ष राष्ट्रपति चुनाव के पहले अपनी एकजुटता को लेकर कोई रिस्क लेना नहीं चाहेगा।
विदित हो कि बीते सात जुलाई को रेल घोटाला मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के 12 ठिकानों पर सीबीआइ ने छापेमारी की थी। इस मामले में तेजस्वी यादव के खिलाफ भी एफआइआर होने के बाद उनपर इस्तीफा देने का दबाव बनाया जा रहा है। हालांकि, तेजस्वी तथा उनके पिता व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने इससे इन्कार कर दिया है।
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तेजस्वी मामले में राजद झुकने के मूड में नहीं है। उधर, जदयू ने भी स्पष्ट कर दिया है कि नीतीश कुमार भ्रष्टाचार व अपराध से समझौता नहीं करने जा रहे। ऐसे में तेजस्वी का इस्तीफा या उनकी बर्खास्तगी ही विकल्प है। या भ्रष्टाचार से समझौता नहीं करने के मुद्दे को लेकर खुद इस्तीफा दे सकते हैं, हालांकि इसकी संभावना नहीं दिख रही।
इस बीच सुलह की कवायद भी जारी है। जदयू नेता शरद यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की है। सोनिया गांधी ने भी दो दिनों पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से फोन पर बात कर उन्हें बीच का रास्ता तलाशने की सलाह दी थी। बताया जाता है कि अभी तक की बातचीत में यह तय हो गया है कि राष्ट्रपति चुनाव तक तेजस्वी पर कोई कार्रवाई नहीं हो।
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इस बीच जदयू ने रविवार को पार्टी विधायक दल की बैठक बुलाई है। एजेंडा तो सोमवार को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चर्चा है। लेकिन, इसमें तेजस्वी मुद्दे पर अहम फैसला भी संभावित है। ऐसे में अगर कोई फैसला हो भी जाता है तो उसकी घोषणा व उसके अनुसार कार्रवाई को राष्ट्रपति चुनाव के मतदान तक टाल दिया जाए तो आश्चर्य नहीं।
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